बीमारी: पानी के 148 नमूने दूषित नलों से निकल रहीं इल्लियां
घातक रोग शहर में तेजी से पैर पसार रहे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया, टायफाइड, पीलिया जैसे घातक रोग शहर में तेजी से पैर पसार रहे हैं। पिछले कुछ दिन से वायरल बुखार व डेंगू के मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। अधिकांश बीमारियों का प्रमुख कारण दूषित पानी का उपयोग है। शहर के कई इलाकों में दूषित जलापूर्ति की शिकायत मिल रही है। विशेषकर मध्य नागपुर के अनेक इलाकांें में नलों से इल्लियां निकलने की शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जलापूर्ति विभाग द्वारा रोजाना 75 इलाकों से पानी के नमूने इकठ्ठा कर उन्हें जांच के लिए प्रादेशिक सार्वजनिक आरोग्य प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी : प्रयोगशाला के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर माह मिल रहे पानी के सैकड़ों नमूने अनफिट होने का खुलासा हो रहा है। बावजूद इसके जलापूर्ति विभाग शहर में स्वच्छ जलापूर्ति का दावा कर रहा है। दावा यह भी किया जा रहा कि जिन इलाकों में दूषित जलापूर्ति की शिकायतें मिली अथवा पानी के नमूने अनफिट करार दिए गए, वहां पाइप लाइन (जलवाहिनियों) की मरम्मत कर पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने का प्रयास हो रहा है। इस मामले मेें जलापूर्ति विभाग से हकीकत जानने का प्रयास किया गया। कथित अधिकारी ने दूषित जलापूर्ति के मामले में चुप्पी साध ली।
इल्लियां ही इल्लियां, एक बर्तन में 10 _ शहर के मध्यभाग, बिनाकी मंगलवारी के शाहू माेहल्ला निवासी नरेश वाघाडे ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से घर के नल से गंदा पानी आ रहा है। उन्होंने बुधवार की सुबह नल के पानी में इल्लियां निकलने की बात कही। दैनिक भास्कर से बातचीत में नरेश ने बताया कि लंबे समय से इलाके में दूषित जलापूर्ति हो रही है। यही वजह है कि मध्यभाग सहित शहर के अनेक इलाकों में निवासी कई तरह की बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
2044 सैंपल की जांच: जलापूर्ति विभाग के अधिकारी दावा कर रहे कि रोजाना 75 इलाकों के नलों का पानी जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। हालांकि इन पानी के नमूनों की जांच रिपोर्ट का खुलासा करने से जिम्मेदार अधिकारी कन्नी काटते नजर आए। प्रयोगशाला सूत्रों ने बताया कि अगस्त माह में नागपुर महानगर पालिका के जलापूर्ति विभाग से पानी के कुल 2044 नमूने जांच के लिए प्राप्त हुए थे। इनमें से 148 नमूने पीने के लिए अयोग्य साबित हुए। जांच में यह पानी दूषित होने का खुलासा हुआ। जिन इलाकों के पानी के नमूने अयोग्य करार दिए गए, उन इलाकों में से कुछ इलाकों के नलों से पानी में इल्लियां, कीड़े मिलने की जानकारी मिली है। कुछ इलाकों में नलों से गंदा, काला, मटमैला व दुर्गंधयुक्त पानी मिलने की शिकायत भी स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है।
जब तक पानी पीने योग्य नहीं होता, तब तक सुधार करते हैं : अगस्त माह में नागपुर महानगर पालिका, आेसीडब्ल्यू द्वारा तकरीबन 1600 पानी के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिनमें से तकरीबन 43 नमूने अनफिट पाए गए। जिन इलाकों का पानी दूषित पाया गया, वहां सुधार कार्य शुरू कर दिए गए हैं। जब तक इन इलाकों का पानी पीने योग्य नहीं होता, तब तक सुधार की प्रक्रिया जारी रहती है। अमूमन 1 माह में सुधार कार्य पूर्ण हो जाता है। जिस उपभोक्ता के घर के नल से इल्लियां निकली हैं, वहां का दौरा कर सुधार कार्य किए जाएंगे। -सचिन द्रवेकर, प्रवक्ता, ओसीडब्ल्यू