परेशानी: महावितरण का फरमान, ‘सरकार’ के काम में न आए कोई व्यवधान
सिविल लाइन्स में अखंडित बिजली व्यवस्था पर जोर
डिजिटल डेस्क ,नागपुर। शीत सत्र को देखते हुए सिविल लाइन्स में वीवीआईपी के बंगलों व कॉटेजों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। इन बंगलों में बिजली की आंख मिचौली महावितरण के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। इस मुसीबत से बचने के लिए महावितरण सिविल लाइन्स में बिजली के बुनियादी ढांचे को चुस्त-दुरुस्त करने में लग गया है। शीत सत्र के दौरान इन इलाकों में बढ़ने वाले बिजली के लोड से निपटने के लिए ट्रांसफार्मरों का आइल चेक करने के साथ ही बिजली के टूटे तारों की जगह नई लाइन डाली जा रही है।
कहीं चूक न हो : शीत सत्र के दौरान मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री, विपक्ष के नेता, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अधिकारियों का सिविल लाइन्स के सरकारी बंगलों, काटेज व आवासों में डेरा रहता है। शीत सत्र में इन इलाकों में बिजली गुल न हो, इसके लिए अधिकारियों को विशेष सावधानी बरतने की सूचना दे दी गई है। जहां-जहां केबल फाल्ट या ट्रीपिंग की संभावना है, वहां पहले से एहतियातन कदम उठाने के निर्देश मुख्य अभियंता की तरफ से दिए गए हैं। ट्रांसफार्मरों में आइल कम होने या ऑयल खराब होने पर आग लगने का खतरा रहता है। इससे परिसर की बिजली गुल हो सकती है। इसलिए ट्रांसफार्मरों के साथ ही केबल, जंपर, फीडर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जो-जो फाल्ट दिखाई दे रहे हैं, उसे प्राथमिकता से दूर किया जा रहा है। नाग भवन सब स्टेशन को विशेष सतर्कता बरतनी है।
फीडबैक ले रहे हैं अधिकारी : वीवीआईपी के बंगले में अंधेरा होने पर महावितरण अधिकारी पर गाज गिर सकती है। महावितरण के कार्यकारी अभियंता अपने अधीनस्थ अभियंताआें के माध्यम से यहां जारी काम का फीडबैक ले रहे हैं। कई जगह खुदाई करके भूमिगत केबल डाले जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री नागपुर से होने से महावितरण के लिए चुनौती आैर बढ़ गई है। वैसे देखा जाए तो लोक कर्म विभाग का बिजली सेक्शन स्वतंत्र होता है, लेकिन उसे भी महावितरण से ही बिजली आपूर्ति होती है।