पद्मश्री डॉ. सुखदेव थोरात ने कहा: दलित-आदिवासी विकास के लिए लाएं नया कानून

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अध्यासन विभाग का आयोजन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-17 09:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय संविधान ने समानता प्रस्थापित करने का प्रयास किया, लेकिन दलित-आदिवासी समाज के साथ अभी भी भेदभाव दिखाई देता है। उनकी समस्या अलग होने से सबके लिए समान नीति लागू करना योग्य नहीं है। इनके सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए नया कानून लाया जाए। यह प्रतिपादन विद्यापीठ अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. सुखदेव थोरात ने किया। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अध्यासन विभाग की ओर से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन दीक्षांत सभागृह में किया गया था। इस अवसर पर वे मार्गदर्शन कर रहे थे। कुलगुरू डॉ. सुभाष चौधरी के मार्गदर्शन में व्याख्यानमाला की अध्यक्षता मानव विज्ञान विद्याशाखा अधिष्ठाता डॉ. शामराव कोरेटी ने की। अध्यासन विभाग के प्रमुख डॉ. अविनाश फुलझेले प्रमुखता से उपस्थित थे। 

भेदभाव का सामना कर रहा है समाज : ‘महाराष्ट्र में पिछड़ावर्ग की आर्थिक व सामाजिक स्थिति: उभरते मुद्दों का विश्लेषण’ विषय पर मार्गदर्शन करते हुए डॉ. थोरात ने कहा कि स्थावर संपत्ति, उद्योगधंधा, शिक्षण के आधार पर दलित व आदिवासी समाज स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी भेदभाव का सामना कर रहा है। आरक्षण के कारण सरकारी नौकरी व शिक्षण में दलित व आदिवासी समाज कुछ प्रमाण में आगे आया। फिर भी सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से भेदभाव का शिकार है। जनसंख्या की तुलना में खेती, उद्योग धंधे, आय के साधन उनके पास नहीं है। पिछड़ावर्ग समाज के नगारिकों का आर्थिक विकास सरकारी नीति होने के बावजूद अपेक्षा अनुसार नहीं हुआ। बेरोजगारी का प्रमाण अधिक है।

निजीकरण होने से छीना जा रहा आनारक्षण : जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण दिया है, लेकिन निजीकरण होने से वह छीना जा रहा है। इसलिए प्रत्येक क्षेत्र में नई नीति बनाना अत्यंत आवश्यक है। जातिगत जनगणना से सही तस्वीर सामने आएगी, जिससे उपाययोजना की जा सकती है। उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आंकड़ों के साथ जानकारी भी दी। व्याख्यानमाला का प्रास्ताविक डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अध्यासन विभाग प्रमुख डॉ. अविनाश फुलझेले ने रखते हुए आयोजन की भूमिका व प्रमुख अतिथियों का परिचय कराया। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. शामराव कोरेटी ने कहा कि डॉ. थोरात ने उपलब्ध कराया डाटा संशोधन के लिए अत्यंत उपयोगी है। कार्यक्रम का संचालन विजयकांत पाणबुडे ने और आभार प्रदर्शन कल्पना मेश्राम ने किया।

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