विकास: साकार हो रहा ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल में इस योजना के 11 स्टेशनों में 13 स्टाल लगाए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-16 08:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ योजना से ‘मेक इन इंडिया’ का सपना साकार हो रहा है, वहीं स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्पों की आय में वृद्धि भी हो रही है तथा स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल में इस योजना के 11 स्टेशनों में 13 स्टाल लगाए गए हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर निर्मित एवं प्रसिद्ध वस्तुओं की बिक्री प्रारंभ की गई है। इन स्टेशनों में नागपुर रेल मंडल के नए 9 स्टेशनों पर इसे बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें चांदाफोर्ट, नागभीड़, ब्रह्मपुरी, वडसा, आमगांव, वारासिवनी, तिरोड़ा, ग्वारीघाट एवं सौंसर स्टेशन शामिल हैं। इससे पहले इतवारी, गोंदिया, नैनपुर, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, तुमसर रोड, भंडारा रोड, बालाघाट, कामठी, घंसौर एवं छिंदवाड़ा स्टेशनों पर इस योजना के माध्यम से स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए वस्तुओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।

रेलवे उपलब्ध करवा रही कियोस्क :  रेलवे की व्यापक पहुंच और महत्व को ध्यान में रखते हुए स्थानीय उत्पादों को देशभर में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थानीय कपड़ों, हस्तशिल्प, मिट्टी से निर्मित वस्तुएं, हथकरघा, बांस के उत्पाद, वनोपज आदि को बढ़ावा देने की योजना शुरू की गई है। लोकल प्रोडक्ट को बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नाम मात्र शुल्क के साथ इन प्रोडक्ट को 15-15 दिनों के लिए यह व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। इन स्टालों में उपलब्ध कलाकृतियों एवं सामानों के माध्यम से स्थानीय कारीगरों की विलक्षण कलाकारी से यात्री परिचित हो रहे हैं, साथ ही आवश्यकतानुसार इसकी खरीदारी भी कर रहे हैं। इससे लोकल प्रोडक्ट की पूरे भारत में पहचान हो रही है। इसे लोग यात्री पसंद भी कर रहे हैं। 

उत्पादों को मिल रही वैश्विक पहचान  :  इस योजना के तहत रेलवे छोटे किसानों और उद्यमियों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स विकसित करेगा। प्रत्येक रेलवे स्टेशन को एक स्थानीय उत्पाद के लिए प्रचार केंद्र की तरह देखा जा रहा है। रेलवे का उपयोग कर स्थानीय उत्पाद की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाना है। इसके लिए कियोस्क स्टॉल का निर्माण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद ने किया है। स्टेशन पर रेलवे अपने खर्च पर कियोस्क लगाकर देगा। उत्पादकर्ता को पंद्रह दिनों के लिए कियोस्क दिया जाएगा। रेलवे के इतिहास में पहली बार होगा कि कियोस्क लगाने के लिए लोगों द्वारा आवेदन किए जा रहे हैं। कियोस्क का ढांचा रेलवे उपलब्ध कराएगी।

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