कोर्ट-कचहरी: एनडीसीसी बैंक घोटाला , दोषियों की जमानत पर कोर्ट ने अपना फैसला रखा सुरक्षित
- सभी पक्षाें की दलीलें पूरी
- 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपए का जुर्माना
- सुनील केदार की याचिका भी सत्र न्यायालय ने की थी नामंजूर
डिजिटल डेस्क,नागपुर। एनडीसीसी बैंक घोटाले के दोषी एवं बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, राेखे दलाल केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी ने सजा निलंबन और जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में अर्जी दायर की है। मामले पर गुरुवार को न्या. उर्मिला जोशी-फलके के समक्ष हुई सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें पूरी हुई। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
अदालत से गुहार : एनडीसीसी बैंक के 170 करोड़ रुपए घोटाले के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने 22 दिसंबर को बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील केदार, बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, रोखे दलाल केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती देते हुए केदार सहित अन्य दोषियाें ने सजा का निलंबन और जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने सबसे पहले सुनील केदार की जमानत अर्जी नामंजूर की थी, लेकिन बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने केदार की जमानत मंजूर की। इसके बाद अन्य 5 दोषियों की जमानत पर सुनवाई हुई। सत्र न्यायालय ने सभी दोषियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके चलते अशोक चौधरी, केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की है।
फ्लाइंग स्क्वॉड से जुड़े अन्य अधिकारी भी निशाने पर : गोलीकांड को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी आरटीओ निरीक्षक संकेत गायकवाड़ की पत्नी से भी पूछताछ की है। इस प्रकरण में आरटीओ के फ्लाइंग स्क्वॉड से जुड़े अन्य अधिकारी भी पुलिस के निशाने पर हैं, इससे बड़ा घोटाला होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। संकेत गायकवाड़ की पत्नी पीडब्ल्यूडी अधिकारी कोमल गायकवाड़ को समन्स देकर बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ में कोमल पुलिस के अधिकांश सवालों का जवाब टाल गई।
शंकर नगर चौक के पॉश रेस्टाेरेंट में होती थी बैठक : इस प्रकरण की जांच के दौरान पुलिस ने शंकर नगर चौक स्थित उस पॉश रेस्टाेरेंट के फुटेज भी खंगाले हैं, जहां पर फ्लाइंग स्क्वाड से जुड़े अन्य निरीक्षक व एक आला अधिकारी की मीटिंग होती थी। इस मीटिंग में स्क्वॉड ने जमा िकए वसूली के पैसों को लेकर चर्चा होती थी। पहले स्क्वॉड का नेतृत्व आरटीओ निरीक्षक गीता शेजवाल करती थी। बाद में यह जिम्मेदारी संकेत को दी गई। स्क्वॉड ने जमा की रकम को लेकर संकेत और गीता में विवाद जारी था। जिसके चलते 5 मई 2022 को गीता ने संकेत को गोली मारी थी, लेकिन निशाना चूकने से गोली संकेत के एक पैर को चीरते हुए दूसरे पैर में जा फंसी थी। गीता पर पूर्व के भी छह अापराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस मीटिंग में शामिल होने वाले सभी अधिकारियों से भी पूछताछ करने वाली है। उन्हें िगरफ्तार करने की भी संभावना है।