योजना: आर्थिक कमजोर कैदियों को जुर्माना भरने सरकार देगी मदद
योजना लागू होने के बाद नागपुर सेंट्रल जेल में 20% कैदी होंगे कम
अभय यादव , नागपुर । सामाजिक दृष्टि से वंचित, कम शिक्षित या फिर आर्थिक तंगी से जूझ रहे जेल में बंद वे कैदी, जो खुद की जमानत तक नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए केंद्र सरकार ने प्रभावी योजना शुरू की है। योजना के तहत केंद्र सरकार अब ऐसे कैदियों को आर्थिक मदद देगी, जो पैसे की कमी के कारण जुर्माने की राशि नहीं चुका पाने की वजह से जमानत या जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं। केंद्र सरकार उन्हें न्याय दिलवाने में भी सहयोग करेगी। केंद्र सरकार की यह योजना अमल में आ जाने पर नागपुर की जेल से करीब 15 से 20 प्रतिशत कैदियों की क्षमता कम हो जाएगी, जो जुर्माने की रकम नहीं भर पाने के कारण जेल में बंद पड़े हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1864 में बनाए गए नागपुर सेंट्रल जेल में 1940 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान समय में क्षमता से दो गुना कैदी नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
राज्य स्तर पर निरीक्षण समिति गठित : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के गृह सचिव ने हाल ही में एक परिपत्रक जारी किया। इसके मुताबिक आर्थिक समस्या के चलते जमानत नहीं ले पाने वाले कैदी, कम शिक्षित और कम आर्थिक स्थिति वाले कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। योजना के तहत ऐसे कैदियों की जमानत के लिए \"जिला अधिकार प्राप्त समिति' का गठन किया जाएगा। जिलाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष रहेंगे। समिति से जुड़ी जानकारी के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल और सुधारसेवा, महाराष्ट्र राज्य, पुणे) को आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया है। योजना को प्रभावी रूप से क्रियान्वित के लिए अधिकार प्राप्त समिति भी बनाई गई है।
ऐसी रहेगी समिति की कार्यशैली : समिति एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और जरूरतमंद कैदियों के प्रकरण में मदद करने के लिए सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि, समाज सेवक , जिला परिविक्षा अधिकारी की मदद ली जाएगी। यह समिति केंद्र सरकार की उक्त योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र शासन द्वारा निश्चित किए गए मार्गदर्शक तत्व व मापदंड कार्यप्रणाली के अनुसार कार्रवाई करेगी।
कैदियों का बोझ होगा कम : उक्त योजना प्रभावी साबित होगी। मामूली जुर्माने की रकम नहीं भर पाने के कारण कई कैदी बंद हैं। इस योजना के अमल में आने पर जेल में कैदियों का बोझ काफी हद तक कम हो सकेगा। - वैभव आगे, अधीक्षक, नागपुर सेंट्रल जेल, नागपुर
नागपुर में भी होगा समिति का गठन : राज्य शासन के निर्णय के अनुसार, अब नागपुर में भी \"जिला अधिकार प्राप्त समिति' का गठन होगा। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए, सिद्धांत और मानक ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। जिला अधिकार प्राप्त समिति में 5 अधिकारी होंगे। जिसमें जिलाधिकारी तथा जिला दंडाधिकारी समिति अध्यक्ष होंगे। संबंधित जेल के अधीक्षक, उप अधीक्षक सचिव रहेंगे। जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सदस्य, पुलिस अधीक्षक सदस्य होंगे, जिला न्यायाधीश नाम निर्देशित जेल संबंधित प्रभारी न्यायाधीश, समिति के सदस्य रहेंगे। यह समिति उन कैदियों के बारे में पता लगाएगी, जो जमानत के लिए बकाया चुकाने में असमर्थ हैं और वित्तीय बाधाओं के कारण जमानत नहीं ले सकते हैं। गरीब कैदियों को उनका बकाया चुकाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी और फिर उन्हें जमानत के लिए मौका मिल सकेगा।