कार्रवाई: मध्यप्रदेश से गोवंश लेकर आ रहा वाहन चालक गिरफ्तार
खापा पुलिस ने की कार्रवाई, गोवंश व बोलेरो सहित 3.6 लाख रुपए का माल जब्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्यप्रदेश से गोवंश लेकर आ रहे बोलेरो चालक को गिरफ्तार किया गया। आरोपी वाहन चालक नकुल शिवप्रसाद आठणकर (20) बिछवा छिंदवाड़ा निवासी के वाहन से 8 गोवंश को पुलिस ने छुड़ाया। इनकी कीमत करीब 56 हजार रुपए बताई गई है। गोवंश व बोलेरो सहित आरोपी से 3 लाख 6 हजार रुपए का माल जब्त किया गया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खापा पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि मध्यप्रदेश से एक बोलेरो मालवाहक वाहन के अंदर गोवंश को लादकर नागपुर भेजा गया है। इन्हें वाहन चालक बूचड़खाना ले जा रहा है। खापा थाने से अाधे किलोमीटर दूर मौजा जवाहर टी पाईंट खापा में पुलिस ने नाकाबंदी की। इस दौरान महिन्द्रा बोेलेरो मालवाहक क्रमांक एम एच 40 - सी एम - 5761 को रोका। वाहन की तलाशी लेने पर 8 गोवंश मिले। पुलिस ने वाहन चालक नकुल को दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ खापा थाने में धारा 11(1) (ब) (ड) (च) (छ), सहधारा 5 (अ), 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच हवलदार विशाल महालकर कर रहे हैं।
नागपुर गोवंश तस्करी का सबसे बडा गढ़ : गोवंश तस्करी का नागपुर सबसे बडा गढ़ बन गया है। नागपुर के कामठी, महेंद्र नगर, टेका नई बस्ती, यशोधरानगर पीली नदी, संघर्ष नगर, गड्डीगोदाम, तहसील आदि इलाके में गोवंश की तस्करी के कई मामले उजागर हो चुके हैं। चर्चा है कि आरिफ, शरीफ, अमन, आसिफ, अनवर सहित अन्य कई ऐसे नाम हैं, जो गोवंश तस्करी में लंबे समय से लिप्त हैं। नागपुर पुलिस इनमें से कई गोवंश तस्करों के गिरोह पर इसके पहले कार्रवाई कर चुकी है। इसके बाद भी शहर में गोवंश की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। तस्करी के कुछ बड़े नाम भी ऐसे हैं, जिनका शहर पुलिस के साथ दोस्ताना पूर्ण रवैया होने के कारण वह कार्रवाई से अक्सर बच निकलते हैं।
कामठी रोड पर कैमरे कर देते हैं बंद : सूत्रों के अनुसार कामठी मार्ग से गोवंश की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं। गोवंश तस्करों के लिए कामठी मार्ग सबसे आसान रास्ता है। इस मार्ग से गोवंश तस्करों के वाहन आसानी से शहर में दाखिल हो जाते हैं। चर्चा है कि इनकी कामठी क्षेत्र के कुछ पुलिसकर्मियों के साथ सांठगांठ हैं, इनके वाहन जिस समय गोवंश लेकर आते हैं, उस दौरान कुछ मार्ग पर लगे कैमरों में तकनीकि छेड़छाड़ की जाती है, जिसके चलते उनके वाहन बिना कैमरे में कैद हुए आसानी से निकल जाते हैं।