त्योहारों पर रहता है जबर्दस्त यातायात: निजी बस वालों को एसटी से डेढ़ गुना किराया लेने का अधिकार
ट्रैवल्स एसोसिएशन ऑफ नागपुर ने पत्र परिषद में कहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। त्योहारों के दिनों में निजी बसों की ओर से यात्रियों की लूट के आरोप पूरी तरह से गलत हैं, निजी बसों को नियमानुसार एसटी बसों की तुलना में डेढ़ गुना किराया लेने का अधिकार है। यह जानकारी ट्रैवल्स एसोसिएशन ऑफ नागपुर के अध्यक्ष बाबा डवरे ने दी। सेमिनरी हिल्स स्थित प्रेस क्लब में पत्रपरिषद के दौरान वह बोल रहे थे। इस वक्त सचिव संजय मोहता व महेन्द्र लुले भी उपस्थित थे।
इस दौरान बताया कि, त्योहारों के दिनों में नागपुर-पुणे के बीच में जबरदस्त यातायात रहता है। जिसका मुख्य कारण यहां के युवा एजुकेशन, नौकरी आदि के लिए पुणे में जाकर बसें हैं, वह त्योहारों के बीच अपने घर लौटते हैं। ऐसे में इस वक्त यातायात बढ़ जाता है। रेलवे व बस फुल होने के बाद वह निजी बसों की ओर रुख करते हैं, नियमानुसार उनसे किराया लिया जाता है। लेकिन कई बार निजी बस चालकों पर ज्यादा किराया लेने का आरोप लगाया जाता है। जोकि पूरी तरह से गलत है।
नागपुर से पुणे के लिए बसें खाली चलानी पड़ती हैं। वहीं त्योहार खत्म होने के बाद पुणे से बसों को खाली वापिस लाना पड़ता है। ऐसे में निजी बसों की ओर से किराया बढ़ाया जाता है। अप्रैल 2018 से निजी बस चालकों को एसटी बसों की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा किराया लेने का अधिकार दिया है। जिसका मुख्य कारण यह भी है, कि निजी बसों को टोल टैक्स 5.85 रुपये से 7 रुपये किमी तक देना पड़ता है।
जीसीएटी भी निजी बसों को अलग देय : वहीं एसटी को टोल टैक्स माफ होता है। साथ ही जीसीएटी भी निजी बसों को अलग से भरना पड़ता है। एसटी महामंडल का घाटा भरने के लिए 7 हजार करो़ड़ की मदद की गई। ट्रेनों में डायनामिक फेयर लागू किये गये, वहीं विमानों में भी भीड़ को देख किराया बढ़ाया जाता है। लेकिन इनके बारे में बवाल नहीं होता है, जबकी निजी बस चालकों द्वारा नियमानुसार किराया लेने के बाद भी उन पर आरोप लगते रहते हैं। जोकि गलत है। निजी बसों के लिए यात्री उनका रोजगार होता है। वह उनके साथ लूट नहीं कर सकते हैं।