चुनाव: नागपुर से ठाकरे, रामटेक से बर्वे फाइनल- नाम पर मुहर, आलाकमान ने जताया विश्वास

  • बैठक में सर्वसम्मति से हुआ था फैसला
  • बर्वे को अदालत से राहत मिली
  • मतदान के लिए 12 प्रकार के पहचान पत्र स्वीकार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-24 09:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. कांग्रेस ने शनिवार रात अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस सूची में विदर्भ के चार उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। कांग्रेस ने किसी भी सीट पर उम्मीदवार को ‘रिपीट’ नहीं किया है। सभी जगह नए नाम पर दांव लगाया है। नागपुर से विकास ठाकरे, रामटेक से रश्मि बर्वे को अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाया है। भंडारा-गोंदिया से प्रशांत पडोले और गड़चिरोली-चिमूर से नामदेव किरसान को उम्मीदवार घोषित किया गया है। उम्मीदवारों की इस घोषणा से फिलहाल नागपुर लोकसभा क्षेत्र में स्थिति स्पष्ट हो गई है। भाजपा से नितीन गडकरी और कांग्रेस से विकास ठाकरे के बीच सीधा मुकाबला होगा। रामटेक में कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित करके बाजी मार ली है। यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। फिलहाल महायुति ने अभी तक रामटेक के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। शनिवार को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि रामटेक की सीट शिवसेना के पास कायम रहेगी, लेकिन उम्मीदवार पर अभी आमराय नहीं बनी है। राजू पारवे के शिवसेना उम्मीदवार बनने की चर्चा है। हालांकि कृपाल तुमाने की तरफ से दबाव बनाने की जानकारी है।

बैठक में सर्वसम्मति से हुआ था फैसला

फिलहाल कांग्रेस ने जारी अपनी सूची में चंद्रपुर-वर्धा छोड़कर विदर्भ के लगभग अपने सभी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार के आवास पर कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की बैठक में विकास ठाकरे का नाम पर सर्वसम्मति से लेकर उसे आलाकमान को भेजा गया था। शनिवार को महाकालकर सभागृह में हुई बैठक में महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने विकास ठाकरे के नाम पर जोर दिया। इस बीच देर रात कांग्रेस की सूची में विकास ठाकरे का नाम आने से कांग्रेसियों ने राहत की सांस ली है।

बर्वे को अदालत से राहत मिली

रामटेक को लेकर रश्मि बर्वे का नाम चर्चा में था। वे नागपुर जिप में पूर्व अध्यक्ष रही हैं। सुनील केदार गुट से रश्मि बर्वे का नाम सामने आने की जानकारी थी। उम्मीदवारी मिलने के पहले बर्वे की उम्मीदवारी पर संकट मंडराता दिख रहा था। जाति प्रमाणपत्र को लेकर उन्हें नोटिस दिया गया था। लेकिन इस मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। यह राहत मिलते ही बर्वे का रास्ता साफ हुआ और शनिवार को उनके नाम की घोषणा की गई। पूर्व मंत्री नितीन राऊत भी अपने पुत्र कुणाल राऊत के लिए यहां प्रयासरत थे।

नए नाम ने चौंकाया

भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का नाम चर्चा में था। पार्टी का भी उन पर दवाब बताया जा रहा था, लेकिन उन्होंने लोकसभा लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाई और आलाकमान को लोकसभा चुनाव में उन्हें मुक्त रखने का निवेदन किया था। ऐसे में उनके निवेदन को स्वीकारते हुए कांग्रेस ने प्रशांत पडोले के नाम की घोषणा की है। इसी तरह गडचिरोली-चिमूर से भी कांग्रेस ने नए नाम नामदेव किरसान के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया है।

चंद्रपुर, वर्धा होल्ड पर

चंद्रपुर से विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार की पुत्री शिवानी वडेट्टीवार और पूर्व सांसद स्व. बालू धानोरकर की पत्नी व विधायक प्रतिभा धानोरकर का नाम चर्चा में है। दोनों ने इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया है, लेकिन कांग्रेस ने अपनी सूची में लोकसभा उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किए जाने से सस्पेंस और बढ़ गया है। वर्धा लोकसभा के लिए कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी में स्पर्धा जारी है। वर्धा का चुनाव दूसरे चरण में होने से यहां का निर्णय वेटिंग पर रखने की जानकारी है। राष्ट्रवादी की ओर से अमर काले का नाम चर्चा में है।

मतदान के लिए 12 प्रकार के पहचान पत्र स्वीकार

चुनाव आयोग ने मतदान से पहले मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने के लिए मतदाता पहचान पत्र (ईपीक) सहित 12 प्रकार के पहचान पत्र स्वीकार किए हैं। नागपुर और रामटेक लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। इस पृष्ठभूमि में, चुनाव आयोग ने अपनी पहचान साबित करने के लिए बारह प्रकार के पहचान प्रमाण स्वीकार किए हैं, ताकि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इस पहचान पत्र में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक और डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बीमा स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोग्राफ के साथ पेंशन दस्तावेज, केंद्र और राज्य सरकार / पीएसयू / पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो के साथ सेवा पहचान-पत्र, सांसदों, विधायकों को जारी किए गए आधिकारिक पहचान-पत्र शामिल हैं।


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