नागपुर: सुपर अस्पताल की दस सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें बंद, गरीब महिला मरीजों को मिलती थी राहत
- अस्पताल में आने वाले 80 प्रतिशत मरीज गरीबी रेखा के नीचे के होते हैं
- उपचार के लिए आने वाले 80 फीसदी मरीज गरीबी रेखा के नीचे के होते हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गरीब महिलाओं को सैनिटरी पैड का खर्च करना महंगा पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में उपचार के दौरान महिलाओं को ऐसी समस्याओं से रू-ब-रू होना पड़ता है। इसकी दखल लेते हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 10 सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन खरीदी की हैं। महिला मरीजों की समस्या को देखते हुए सैनिटरी पैड की सुविधा उपलब्ध कराने वाला सुपर स्पेशालिटी राज्य का पहला अस्पताल बन चुका था, लेकिन बाद में मशीनों की देखभाल में लापरवाही बरतने से मशीनें बंद पड़ी हैं।
गरीब महिला मरीजों को मिलती थी राहत
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में उपचार के लिए आने वाले 80 फीसदी मरीज गरीबी रेखा के नीचे के होते हैं। इनमें महिला मरीजों का समावेश भी होता है। उन्हें आवश्यकता होने पर सैनिटरी पैड के उपयोग की सूचना दी जाती है, लेकिन आर्थिक समस्या के चलते वे इसका उपयोग नहीं करतीं। इसकी दखल लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन विधायक गिरीश व्यास से अनुरोध किया। उनकी निधि से 10 मशीनें खरीदी गईं। साथ ही सैनिटरी पैड नष्ट करने की मशीन भी दी गई। पैड का खर्च दो रुपए था। कुछ समय तक सब कुछ ठीक चलता रहा, बाद में सब ठंडे बस्ते में चला गया। मशीनों की अनदेखी की गई। सूत्रों के अनुसार मशीनें बंद होने से नई मशीनें खरीदने के लिए प्रयास जारी है। इसके लिए मेडिकल प्रशासन समाजसेवी संस्थाओं को हाथ बढ़ाने का आह्वान कर रहा है।