विवाद: मनपा परिवहन विभाग की टेंडर प्रक्रिया में खुलेआम उड़ी नियमों की धज्जियां
- 224 करोड़ का टेंडर निकाला
- आई-ट्रैंगल और चलो एप कंपनी ने टेंडर भरा
- चेन्नई में दोनों कंपनियां हैं भागीदार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । मनपा परिवहन विभाग के ऑपरेटर कंपनियों पर नियंत्रण रखने के लिए नियुक्त डिम्स कंपनी का ठेका खत्म हो गया। उसकी जगह दूसरी कंपनी नियुक्त करने के लिए टेंडर निकाला गया। गुरुवार को टेंडर का टेक्निकल बीड खुला, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर टेंडर पास किए जाने से संपूर्ण प्रक्रिया विवाद में फंसने की आशंका है।
224 करोड़ का टेंडर : मनपा परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटर कंपनियों पर नियंत्रण रखने के लिए इंटिग्रेटेड बस ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट का 224 करोड़ का टेंडर निकाला। आई-ट्रैंगल और चलो एप कंपनी ने टेंडर भरा था। टेक्निकल बीड में आई-ट्रैंगल कंपनी बाहर हो गई। चलो एप कंपनी का टेंडर पास किया गया।
टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता : नियम के अनुसार 100 करोड़ से अधिक कीमत की टेंडर प्रक्रिया में पहले टेंडर की अवधि 45 दिन, दूसरे टेंडर की 31 दिन और तीसरे टेंडर की 15 दिन होनी चाहिए। पहली बार निकाले गए टेंडर की अवधि 31 दिन रखी गई। अवधि को लेकर बवाल होने पर 7 दिन की आवधि बढ़ाई गई। समयावधि का पालन नहीं होने से आपत्ति दर्ज होने की आशंका आने पर निरसन के लिए कानूनी सलाहकार से राय मांगी गई। कानूनी सलाहकार ने टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द कर नए सिरे से टेंडर निकालने की सलाह दी। उसे नजरअंदाज कर दूसरी बार टेंडर निकालकर 1 महीने की अवधि देकर अनियमितता की गई।
टेंडर की शर्त : जारी किए गए टेंडर में सहभागी होने के लिए एक शहर में 500 बसों के संचालन का 7 साल के अनुभव की शर्त रखी गई। उसी के साथ कंपनी आईटी रजिस्टर्ड होनी चाहिए। चलो एप कंपनी को टिकट का अनुभव है। उसे इंटिग्रेटेड बस ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट का टेंडर दिए जाने से बवाल हो गया है। शहर में आपली बस का 3 ऑपरेटर कंपनियों के माध्यम से संचालन किया जा रहा है। उसमें से एक ऑपरेटर कंपनी चलो एप कंपनी की पार्टनर बताई जाती है।
कार्रवाई को लेकर संदेह : ऑपरेटर कंपनी बस नहीं चलाने पर संबंधित कंपनी पर प्रतिदिन 21 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाता है। यह अधिकार इंटिग्रेटेड बस ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट को है। इंटिग्रेटेड बस ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट के साथ एक बस ऑपरेटर कंपनी की पार्टनरशिप रहने पर उस कंपनी के िखलाफ कार्रवाई करेगी या बचाएगी, इस बात को लेकर संदेह है।
75 करोड़ में हो सकता था काम : मनपा परिवहन विभाग के अनुभवी का कहना है कि इंटिग्रेटेड बस ट्रांसपार्ट मैनेजमेंट मनपा संभालती है, तो मुश्किल से 75 करोड़ रुपए में इस काम को अंजाम दिया जा सकता है। चलो एप कंपनी को 224 करोड़ रुपए में ठेका देकर मनपा को 150 करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर मनपा को चपत लगाने का दांव चलने के आरोप लग रहे हैं। मनपा परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेश बगल से इस विषय में पक्ष जानने के लिए फोन करने पर संपर्क नहीं हो पाया।