उपराजधानी में सरकार: हलचल तेज अधिवेशन की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री की ओर से चाय पार्टी
- अतिवृष्टि व असमय बारिश का मुद्दा गूंजेग
- मुख्यमंत्री की ओर से चाय पार्टी का आयोजन
- अधिवेशन की पूर्व संध्या पर खास
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन गुरुवार, 7 दिसंबर से आरंभ होगा। अधिवेशन के लिए सरकार बुधवार से ही शहर में आ जाएगी। अधिवेशन की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री की ओर से चाय पार्टी का आयोजन किया जाएगा। चाय पार्टी में विपक्ष को भी आमंत्रित किया जाता है। अधिवेशन की तैयारी के लिए प्रशासन की हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित अन्य मंत्रियों के आवास पर उनसे मिलने के लिए जरूरतमंदों का आने-जाने का दौर शुरू हो जाएगा। सत्तापक्ष काफी बहुमत में है। लिहाजा माना जा रहा है कि इस अधिवेशन में सरकार स्वयं को काफी मजबूत स्थिति में दर्शाएगी। विपक्ष की ओर से अधिवेशन को हंगामेदार करने का प्रयास किया जाएगा। इस अधिवेशन के बाद सभी राजनीतिक दलों को लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी पर अमल करना होगा। लिहाजा विधानमंडल के दाेनों सदन में सभी दलों के सदस्य विशेष सक्रियता दिखाने का प्रयास करेंगे। राज्य व देश में बदलती राजनीतिक स्थिति का प्रभाव भी इस अधिवेशन में देखने को मिल सकता है। सामान्य तौर पर माना जा रहा है कि इस अधिवेशन में ओबीसी व मराठा आरक्षण का मुद्दा सबसे अधिक चर्चा में रहेगा।
अतिवृष्टि व असमय बारिश का मुद्दा गूंजेगा
कामकाज सलाहकार समिति ने 20 दिसंबर तक कामकाज सूची तय की है। उसके अनुसार 10 दिन तक कामकाज होगा। इनमें विविध विधेयक व प्रस्ताव पर चर्चा शामिल है। अतिवृष्टि व असमय बारिश का विषय प्रमुखता से सामने लाया जाएगा। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह किसानों को 3 हेक्टेयर तक फसल नुकसान का मुआवजा देगी। सरकार दर्शाने का प्रयास करेगी कि वह किसान, युवा व महिला सहित समाज के अन्य घटकों के विकास के लिए कार्य कर रही है, वहीं विपक्ष इन्हीं विषयों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे के नेतृत्व में विपक्ष के सदस्य विविध विषयों पर चर्चा का नियोजन कर रहे हैं।