लक्ष्य 24 माह था: नागपुर-काटोल फोर लेन सड़क निर्माण की कछुआ चाल
- लागत 590 करोड़ से बढ़कर 960 करोड़ होने का अनुमान
- 50 फीसदी काम भी नहीं हुआ
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नागपुर- काटोल फोर लेन महामार्ग का निर्माण कार्य विगत लगभग दो माह से चल रहा है। ठेके के मुताबिक 48.2 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माणकार्य पूरा करने के लिए 24 माह की कालावधि निर्धारित की गई थी। जानकारों के मुताबिक पिछले 22 माह में 50 फीसदी काम भी पूर्ण नहीं हो सका। दूसरी ओर काम में विलंब की वजह से इस प्रकल्प की लागत 590 करोड़ रुपए से 960 करोड़ होने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा काम की शुरुआत 2021 के दिसंबर महीने में हुई थी। सड़क की लागत 590 करोड़ से बढ़कर अब 700 करोड़ रुपए हो गई, जो आगामी दिनों में और बढ़ सकती है।
हाई-वे हिप्नोसिस का खतरा 48.2 किमी लंबी नागपुर-काटोल फोर लेन सड़क के बीच में कहीं भी चौराहें न होने से मार्ग में पड़ने वाले कुछ छोटे-बड़े गांवों का आपसी संपर्क टूट-सा गया हैं। रोड के दूसरी तरफ के गांव में जाने के लिए लोगों को लंबी दूरी से यू टर्न लेकर आना पड़ता हैं, जिससे लोगों का समय और ईंधन बर्बाद हो रहा है। दूसरी ओर इस सड़क से भी हाई-वे हिप्नोसिस का खतरा होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इससे सड़क दुर्घटना की संभावना है। इस मार्ग के दोनों ओर कुछ दूरी पर सुलभ शौचालयों की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
अब भी है गड्ढों की भरमार : सड़क निर्माण कार्य के कारण इस मार्ग पर जगह-जगह गहरे गड्ढे पड़ गए हैं। वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। विशेषकर रात्रि में सड़कों के जानलेवा गड्ढे नजर नहीं आते जिसके कारण लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। नागपुर से काटोल जाते-आते समय इस महामार्ग के दोनों छोर पर पथदीपों का भी अभाव है। नागपुर टोल नाके से गोरेवाड़ा सफारी जंगल की सड़कों पर रात में घना अंधेरा रहता है।