संज्ञान: पड़ोसी ने किया अत्याचार, पीड़ित युवती को हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का लिया संज्ञान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सिविल अस्पताल वर्धा के मेडिकल बोर्ड द्वारा दाखिल स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को 17 वर्षीय पीड़ित किशोरी युवती को गर्भपात करने की अनुमति दी है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता किशोरी होने के साथ 26 सप्ताह की गर्भवती है। गर्भावस्था से पीड़िता को शारीरिक और मानसिक नुकसान हुआ है। वह स्वस्थ है, इस कारण उसका गर्भपात करने की मेडिकल बोर्ड ने अनुशंसा की है। बोर्ड की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. अभय मंत्री ने यह फैसला दिया।
की गई स्वास्थ्य जांच : हिंगणघाट की रहने वाली इस युवती के साथ उसके घर के बगल में रहने वाले 25 वर्षीय आरोपी ने अत्याचार किया। जिससे युवती गर्भवती हो गई। जब हिंगणघाट सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्वास्थ्य जांच की तो वह 24 सप्ताह की गर्भवती होने की बात सामने आई थी। साथ ही डॉक्टर ने युवती का स्वास्थ्य खतरे में होने की बात भी बताई। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया। प्रेग्नेसी टर्मिनेशन एक्ट के अनुसार 24 सप्ताह बीत जाने के बाद अगर किसी लड़की को गर्भपात करना है तो हाई कोर्ट की अनुमति लेना आवश्यक है। हाई कोर्ट की अनुमति के अनुसार मेडिकल बोर्ड गठित किया जाता है। बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही हाई कोर्ट गर्भपात की अनुमति देता है। इसलिए पीड़ित किशोरी युवती ने होई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए गर्भपात करने की अनुमति मांगी थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सिविल अस्पताल, वर्धा के मेडिकल बोर्ड को पीड़ित युवती की स्वास्थ्य जांच करके उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये थे। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सोनिया गजभिये ने पैरवी की।