नागपुर: मां को गले लगाना चाहती है स्वीडिश नागरिक पेट्रीसिया, यहां ढूंढ रही बायोलॉजिकल मां
- बचपन में सोचा कि मां की तलाश करूंगी
- डीएनए जांच के जरिए की जाएगी पुष्टि
डिजिटल डेस्क, नागपुर. फिल्मों में देखा होगा कि बचपन में हीरो या हीरोइन अपने माता-पिता से बिछड़ जाता है और कई सालों बाद उनकी तलाश करता है। कुछ ऐसी ही कहानी नागपुर में चर्चा का विषय बनी हुई। एक 41 वर्षीय युवती पेट्रीसिया एरिकसन है, जो स्वीडिश नागरिक है। वहीं पली-बढ़ी है, लेकिन उसका जन्म फरवरी 1983 में शहर के डागा अस्पताल में हुआ था। मां अविवाहित होने से पेट्रीसिया को अनाथ आश्रम में डाल दिया, जहां से उसे एक स्वीडिश कपल ने गोद लिया। अब पेट्रीसिया अपनी बायोलॉजिकल मां से मिलना चाहती है, उसे गले लगाना चाहती है। इसके लिए वह अपनी मां की तलाश में 3 अप्रैल को नागपुर आई है। पेट्रीसिया ने साल 2022 से अपनी जन्म देने वाली मां की खोज शुरू की है, लेकिन सफलता नहीं मिली है। अंजलि पवार पेट्रीसिया की वकील हैं। 2022 में अंजलि ने इस केस पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने उन सभी लोगों से मदद के लिए आगे आने की अपील की, जो 1983 में शांति नगर में रहते थे। फिलहाल खोज जारी है।
बचपन में सोचा कि मां की तलाश करूंगी
पेट्रीसिया एरिकसन के मुताबिक हर बच्चा अपनी मां या पिता जैसा दिखना चाहता है। मेरे आस-पास सभी बच्चे बात किया करते थे कि उनके बाल, आंखें, नाक माता पिता की तरह हैं। मैं भी यही चाहती थी। मैं अपने माता-पिता की तरह दिखना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं कर सकती थी। वो मेरे लिए काफी कठिन समय था। मैं एक ऐसी जगह थी, जहां ऐसा नहीं कर सकती थी, इसलिए मैंने बचपन में ही सोच लिया कि मैं अपनी जैविक मां की तलाश करूंगी।
डीएनए जांच के जरिए की जाएगी पुष्टि
एड. अंजलि पवार के मुताबिक हम पेट्रीसिया को उसकी खोज में मदद कर रहे हैं। जब हमें 2022 में यह मामला मिला, तो हमने सबसे पहले श्रद्धानंद आश्रम से संपर्क किया और दस्तावेजों का सत्यापन किया। जो कोई भी 1983 में शांति नगर में रहता था और उसे जानता है या शांता और रामदास के बारे में जानता है, हम उनसे अपील करते हैं कि आगे आएं और हमारी मदद करें। पेट्रीसिया सिर्फ एक बार अपनी मां से मिलना चाहती है। हम खोज में दो लोगों से मिल चुके हैं, लेकिन तलाश जारी है। जैसे ही कुछ पता चलेगा, तो हम डीएनए जांच के जरिये पेट्रिसिया के मां की पुष्टि करेंगे।