दंग रह गई दुबई: नागपुर के सर्पमित्रों के साहस पर बना डाली फिल्म, सर्पदंश से होती मौतें

  • गुगल के अनुसार 70 हजार आंकड़ा
  • नागपुर के सर्पमित्रों का भी आकलन
  • करीब 1.25 लाख लाेगों की भारत में हर साल सर्पदंश से होती है मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-22 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर, अभय यादव| देश में हर साल करीब 70 हजार लोगों की सर्पदंश से मौत हो जाती है। कुछ लोग तो झाड़-फूंक के चक्कर में अपनी जान गंवा देते हैं। यह आंकड़ा गुगल के अनुसार है। नागपुर के सर्पमित्रों का भी आकलन है कि भारत में हर साल सवा लाख से अधिक लोग सांप के दंश से मौत के मुंह में चले जाते हैं। ऐसे में पर्यावरण के संरक्षकों की तलाश में सांपों की भूमिका को लेकर दुबई से 5 लोगों की टीम भारत में एक माह से भ्रमण कर रही है। यह टीम नागपुर आने से पहले केरल, गुजरात सहित देश के कई शहरों का दौरा कर चुकी है।

हुए अभिभूत... पेंच और ताड़ोबा के जंगलों में शूटिंग

इस टीम को पता चला कि नागपुर में वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसाइटी सर्पदंश (स्नैक बाइट) से पीड़ितों की अस्पताल में उसके भर्ती रहने तक हर दिन उसकी खोज खबर लेती है, तो उन्होंने इसे ही विषय बना लिया और नागपुर के सर्पमित्रों पर एक डॉक्यूमेंट्री ही बना डाली। उक्त 5 लोगों की टीम ने नागपुर में मेडिकल अस्पताल, पेंच और ताड़ोबा के जंगलों में शूटिंग की। नागपुर की इस सोसाइटी के सदस्य सांपों को बचाने और सर्पदंश से पीड़ित मरीजों की मदद कई वर्ष से करते आ रहे हैं।


भाया भारत... दुबई से फिल्म बनाने आए थे : दुबई से आई टीम में युवती एस्टाकोवा, खालिद, अमजद व अन्य दो युवक शामिल थे। इसके पहले नेशनल ज्योग्राफिक चैनल के लिए वे डॉक्यूमेंट्री बनाते रहे हैं। अगर यह फिल्म इस चैनल पर प्रसारित होती है तो संभवत: भारत में सर्पमित्रों व सर्पदंश पीड़ितों की व्यथा को उजागर करनेवाली पहली राष्ट्र स्तरीय डाक्यूमेंट्री होगी। यह टीम कैमरा सहित अन्य संसाधन से लैस थी। इनके पास करीब 25 बैग सामान थे। इन्होंने मेडिकल अस्पताल में भर्ती सर्पदंश पीड़ित गरीब लोगों की आर्थिक मदद भी की।


दिया आंकड़ा... सर्पमित्रों की जानकारी से अचंभित

नितीश भांदक्कर के अनुसार वर्ष 2023 में नागपुर में 79 और वर्ष 2024 में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 19 लोग स्नैक बाइट के शिकार हुए, जिसमें दो सर्पमित्र भी शामिल हैं। भारत में एक दशक पहले 272 प्रजाति के सांप थे, लेकिन अब यह संख्या 300 से अधिक हो चुकी है। सांपों की इन प्रजातियों में सिर्फ 5 प्रतिशत सांप ही विषधर यानी जहरीले प्रजाति के हैं, जिसमें नाग, मनियार, घोनस, पुरसे व एक अन्य का समावेश है।


घोर आश्चर्य... दुबई में ऐसी कोई टीम नहीं

एस्टाकोवा, खालिद और अमजद का कहना है कि नागपुर में जिस तरह से स्नैक बाइट मरीज के लिए उक्त सोसाइटी के सदस्य कार्य करते हैं, मरीज के भर्ती रहने तक, उसे किस सांप ने काटा है, इसकी पहचान कर डॉक्टर के उपचार करने में मदद करने आदि सहित कई मुद्दे पर काम करने वाली दुबई में काेई टीम नहीं है।

दुबई में सर्पदंश के मामले में डॉक्टर अपने हिसाब से मरीज का इलाज करते हैं, लेकिन नागपुर में सोसाइटी के सदस्य मरीज के ठीक हाेने तक उसके बारे में हर दिन जानकारी लेने आते हैं। इन्हीं बातों ने सर्पमित्रों पर फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया।

नागपुर में दो तीन जगह इस फिल्म की शूटिंग की गई, जिसमें मेडिकल अस्पताल में मरीजों की भी शूटिंग की गई। इनमें दो सर्पमित्रों का भी समावेश था, जिन्हें कोबरा ने बाइट किया था। नागपुर में गत 11 अप्रैल को शूटिंग की गई। दुबई की टीम 12 अप्रैल को अपने देश वापस लौट गई।


काफी प्रभावित... विदर्भ में घूमते हुए फिल्म बनाई : दुबई के आबूधाबी से निकली यह टीम पर्यावरण संरक्षा को लेकर डॉक्यूमेंट्री बना रही थी। नागपुर आने के बाद जब इन्हें वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसाइटी के बारे में पता चला तो वह सोसाइटी के सचिव नितीश भांदक्कर, पंकज बादुले, गौरांग वाईकर, साहिल शरणागत, अनूप सातपुते, राकेश भोयर, किरण बावस्कर और आनंद शेलके से मिलने के बाद सर्पमित्रों की कार्यशैली, स्नैक बाइट पीडितों के लिए कार्य करने की पद्धति को जानकर बेहद प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने विदर्भ में घूमते हुए फिल्म का निर्माण किया।


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