सर्कुलर: बायोमेट्रिक प्रणाली से ही होगी छात्रों की अटेंडेन्स, 75 फिसदी हाजरी अनिवार्य

  • ट्यूशन क्लॉसेस से टाईअप कॉलेज शिक्षा विभाग के रडार पर
  • ग्यारहवीं प्रवेश संबंध में परिपत्रक जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-14 14:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उपराजधानी और आसपास के इलाके के अधिकतर जूनियर काॅलेज प्राइवेट ट्यूशन क्लॉसेस से टाईअप होने की मौखिक और लिखित शिकायतों पर विभागीय शिक्षा उपसंचालक विभाग ने गंभीर संज्ञान लिया है। इसके चलते शिक्षा विभाग ने जूनियर कॉलेज तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों की अटेंडेन्स बायोमेट्रिक प्रणाली से ही लेने का सख्त निर्देश दिए हैं। इस कारण जूनियर कॉलेजों में नाममात्र प्रवेश लेने वाले और ट्यूशन क्लॉसेस में कोचिंग करने वाले छात्र तथा टाईअप कॉलेज सीधे शिक्षा विभाग के रडार पर है। हाल ही में विभाग के शिक्षा उपसंचालक उल्हास नरड ने ग्यारहवीं प्रवेश संबंध में परिपत्रक जारी करते हुए कॉलेज और मुख्याध्यापक को अपनी जिम्मेदारी का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

शहर में ज्यादातर जूनियर कॉलेज ट्यूशन कोचिंग क्लॉसेस से टाईअप रहने के कारण छात्रों की कॉलेज में काफी कम उपस्थिती रहती है। दिन ब दिन यह समस्या गंभीर बन रही है। कॉलेजों में क्लासरूम खाली नजर आते हैं। इसीलिए शिक्षा विभाग ने छात्राें की बायोमेट्रीक प्रणाली से अटेंडेन्स और सत्रभर में छात्रों की 75 फीसदी अनिवार्य उपस्थिती के संबंध में परिपत्रक जारी किया है। यदि कोई छात्र अनुपस्थित रहता है, तो उसे कारण बताना होगा। साथ ही कारण भी उचित होना चाहिए। अगर छात्र बार बार अनुपस्थित रहता है तो उसे 12वीं बोर्ड परीक्षा देने से वंचित किया जाएगा। जूनियर कॉलेज तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियमित कक्षाओं को निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार जारी रखना अनिवार्य है।

शिक्षणाधिकारियों द्वारा कॉलेजों को निरीक्षण

स्कूल तथा कॉलेजों में उपस्थिति की समय-समय पर पड़ताल के लिए माध्यमिक शिक्षाणाधिकारी (जिला परिषद) हर माह कम से कम 2 जूनियर कॉलेज तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय और गट शिक्षणाधिकारी को कम से कम 3 जूनियर कॉलेज का निरीक्षण करना है। इसमें टाइम टेबल के अनुसार क्लास शुरू है या नहीं यह सुनिश्चित करना है।

तो मान्यता वापस ली जाएगी

शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि स्कूल तथा कॉलेज छात्रों की उपस्थिति के बिना चल रहा है, तो महाराष्ट्र निजी स्कूल नियम 1981 और माध्यमिक स्कूल प्रावधानों के अनुसार स्कूल की मान्यता वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी।

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