आमंत्रण: दिल्ली में लाल किले की परेड में नागपुर के विद्यार्थी को विशेष अतिथि का मान

  • महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षण परिषद से जिला परिषद को प्राप्त हुआ आमंत्रण पत्र
  • पीएमश्री स्कूलों में स्पर्धा को बढ़ावा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-28 13:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के आजादी की वर्षगांठ पर 15 अगस्त को दिल्ली में लाल कीले पर परेड होती है। उसमें देशभर से गणमान्यों को आमंत्रित किया जाता है। नागपुर जिले के काटोल नगर परिषद संचालित पीएमश्री स्कूल का विद्यार्थी ओम प्रदीप नागपुरे और शिक्षक प्रसन्नजीत मानकर को भारत सरकार का विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षण परिषद पुणे कार्यालय से जिला परिषद को आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है। संबंधित स्कूल को जिला परिषद से पत्र भेजकर अवगत कराए जाने की विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है।

जिले में 21 पीएमश्री स्कूल

केंद्र सरकार के पीएमश्री स्कूल योजना अंतर्गत गत वर्ष जिले के 21 स्कूल चयनित किए गए। इन स्कूलों में भौतिक तथा शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने निधि उपलब्ध की गई। स्कूलों में शैक्षणिक सामग्री, खेल सामग्री, रंग-रोगन, स्वच्छता गृह की दुरुस्ती, पानी की उपलब्धता, 8वीं से 10वीं कक्षा तथा कनिष्ठ महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन सुविधा, स्कूल परिसर में आंगनवाड़ी रहने पर बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर, अक्षर ज्ञान व आंकड़ों की ज्ञानवृद्धि सामग्री आदि सुविधा उपलब्ध की गई। िवद्यार्थियों की कृषि क्षेत्र में रूची बढ़ाने के लिए स्कूल परिसर में बगीचे का विस्तार, जहां बगीचा नहीं है, वहां बगीचा तैयार किया गया। पीएमश्री स्कूलों का मूल्यांकन कर बेहतर अमल करने पर काटोल नगरपरिषद स्कूल काे दिल्ली में लाल कीले की परेड के लिए आमंत्रित किया गया।

पीएमश्री स्कूलों में स्पर्धा को बढ़ावा

गत वर्ष पीएमश्री स्कूलों का चयन हुआ। भौतिक तथा शैक्षणिक सामग्री के लिए प्रति स्कूल 3 से 6 लाख रुपए निधि उपलब्ध की गई। निधि का उपयोग कर स्कूलों का कायापलट करने तक शिक्षकों की सोच बनी थी। 15 अगस्त को दिल्ली में लाल कीले की परेड के लिए एक स्कूल को आमंत्रित करने पर सभी चौंक गए। बेहतर कार्य का फल बेहतर मिलता है। यह बात समझ में आने पर अन्य पीएमश्री स्कूलों में बेहतर करने की होड़ शुरू हो गई है। एक स्कूल को लाल कीले की परेड में विशेष अतिथि का सम्मान मिलने से पीएमश्री स्कूलों में स्पर्धा को बढ़ावा मिलने की भावना शिक्षा क्षेत्र के जानकारों ने व्यक्त की है।

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