नागपुर: हैरान कर रहे साल भर के आंकड़े, मनोचिकित्सालय में बढ़े दल हजार मरीज
- कोरोना की दूसरी लहर कम होते ही ओपीडी व आईपीडी में संख्या बढ़ी
- मनोचिकित्सालय में बढ़े 10 हजार मरीज, हैरान कर रहे आंकड़े
- 3 साल में 77 मनोरोगियों की मृत्यु
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कोेरोना की लहर कम होते ही प्रादेशिक मनोचिकित्सालय में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2022-23 में ओपीडी में 37 हजार मरीज थे। वहीं जनवरी 2023 से फरवरी 2024 तक 47 हजार मरीज दर्ज हुए हैं। तीन साल में 77 मनोरोगियों की मृत्यु हुई है।
आरटीआई में मिली जानकारी
समाजसेवी अभय कोलारकर द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत प्रादेशिक मनोचिकित्सालय से मांगी गई जानकारी में आंकड़े सामने आए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाह्यरुग्ण विभाग (ओपीडी) में 2021-22 में 2664 नए मरीज व पुराने 33022 मिलाकर कुल 35686 मरीज थे। कोरोना की लहर खत्म होते ही 2022-23 में 2909 नए मरीज दर्ज हुए थे। उस साल पुराने मरीजों की संख्या 34232 मिलाकर कुल 37141 मरीज हुए। 2023 से 29 फरवरी 2024 तक 2728 नए व 44573 पुराने मिलाकर कुल मरीजों की संख्या 47301 हुई है।
3 साल में 77 मनोरोगियों की मृत्यु
अंतररुग्ण विभाग (आईपीडी) में 2021-22 में 796 नए व 411 पुराने मिलाकर कुल 1207 मरीज दर्ज हुए। 2022-23 में 1090 नए व 383 पुराने मिलाकर कुल 1473 मरीज दर्ज हुए। 2023 से फरवरी 2024 तक नए मरीजों की संख्या बढ़कर 1462 हुई। वहीं, पुराने 319 मरीज मिलाकर यह संख्या 1781 तक पहुंची है। प्रादेशिक मनोचिकित्सालय में 2020-21 में 18, 2022-23 में 35, 2023 से फरवरी 2024 तक 24 मनोरोगियों की मृत्यु हुई है। इन मृत्यु का ऑडिट की आवश्यकता जताई गई है।
समय पर उपयोग नहीं, निधि वापस
सरकार द्वारा विविध सुविधाओं के लिए दी जाने वाली निधि का समय पर उपयोग नहीं किये जाने से निधि वापस चली गई है। 2023-24 में 35 करोड़ 76 लाख 12 हजार रुपए मिले थे। इनमें से 27 करोड़ 99 लाख 79 हजार रुपए खर्च किये गए। खर्च नहीं किये जाने से 7 करोड़ 76 लाख 32 हजार रुपए वापस चले गए हैं।