नागपुर: विशेष ट्रेन अयोध्या रवाना, बावनकुले ने कहा - रामभक्तों में अपार उत्साह हैं

  • वरिष्ठ नागरिक व बच्चों के लिए भी यात्रा की व्यवस्था
  • विशेष ट्रेन अयोध्या रवाना हुई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-12 12:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए भक्तों से भरी विशेष ट्रेन रविवार को नागपुर स्टेशन से रवाना हुई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। जल्द ही दूसरी ट्रेन भी अयोध्या के लिए रवाना होगी। बावनकुले ने कहा है कि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर देखने व देव दर्शन करने के लिए लोगों में अपार उत्साह है। हर क्षेत्र से लोग अयोध्या रवाना हो रहे हैं।

वरिष्ठ नागरिक व बच्चों के लिए भी यात्रा की व्यवस्था

गत 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की गई। उसके बाद से देश भर से बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या जा रहे हैं। भारतीय रेलवे ने रामभक्तों के लिए 200 विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है। रविवार को गाड़ी क्रमांक 00141 नागपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुई। तीन रैक वाले स्लीपर कोच इस गाड़ी में लगाए गए हैं। वरिष्ठ नागरिक व बच्चों लिए भी यात्रा की व्यवस्था की गई है। ट्रेन रवाना हाेते समय भाजपा के शहर अध्यक्ष बंटी कुकडे, विधायक कृष्णा खोपड़े, विधानपरिषद सदस्य प्रवीण दटके, अश्विनी जिचकार, राम अंबुलकर, विष्णु चांगदे, सुनील हिरणवार सहित अन्य कार्यकर्ता थे।

मुक्तिधाम में जल ज्योति दिवस मनाया

उधर जरीपटका स्थित संत चांदूराम साहब मुक्तिधाम में जल ज्योति दिवस मनाया गया। चंद्रदर्शन के उपलक्ष में श्री झूलेलाल देव की पूजा-अर्चना की गई। सत्संग-कीर्तन कर संगत को निहाल किया गया। भाई शामनदास तुलस्वानी, भाई प्रकाश केवलरामानी, भीखचंद डेंबला, अजीत बत्रा, मुरली महाराज, वीरभान तुलस्वानी आदि की उपस्थिति में झूलेलाल देव के भक्ति गीत पेश किए गए। प्रवचन देते हुए भाई शामनदास ने कहा कि भक्ति से ही प्रभु को प्रसन्न किया जा सकता है। झूलेलाल देव की उपासना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है संत चांदूराम साहब की अखंड धूनी लगाकर संतों के जयकारे लगाए गए। आरती अरदास के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया।

लुर्द माता महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब

लुर्द माता का महोत्सव रविवार को सेमिनरी स्थित लुर्द माता मंदिर में मनाया गया जिसमें विदर्भ के अलावा तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और झारखंड से जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से दोपहर तक अलग-अलग आंचलिक भाषाओं में मिस्सा हुआ। बीमार लोगों के लिए विशेष चंगाई प्रार्थना की गई। आर्चबिशप स्वामी ने मिस्सा चढ़ाया और लोगों को माता मरियम के सद्गुणों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने हमेशा निडर होकर सेवाभावी जीवन जिया और परिवारिक मूल्यों को ध्यान में रख कर ईश्वर की इच्छा पूर्ति की। माता मरियम की डोली का जुलूस निकाला गया। फरगोश ब्रास बैंड द्वारा प्रस्तुत धार्मिक गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया। सन 1892 में नागपुर में लुर्द माता मंदिर की स्थापना हुई। जी.बी. हेस्मॉंड ने लुर्दस की मां की ग्रोटो बनाने के लिए धन दान किया। डोमिनिकन फादर्स ने ग्रोटो को विकसित किया और 2000 में आर्चबिशप अब्राहम ने तीर्थस्थल घोषित किया। 

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