महंगाई की मार: सोयाबीन, पाम, सनफ्लावर तेल में 10 रुपए प्रति किलो तक का हुआ इजाफा
- खोपरा तेल में आया 60 रुपए किलो का उछाल
- 1-2 माह तक राहत के आसार नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. दो माह तक अधिक समय तक राहत देने के बाद एक बार फिर खाद्य-तेलों में बढ़त का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले पंद्रह दिनों में खाद्य-तेलों में 100 से 150 रुपए प्रति टीन व खुदरा में 10 रुपए किलो की बढ़त दर्ज की गई है। खोपरा तेल में तो 600 रुपए टीन और 60 रुपए किलो तक का उछाल आया है। खाद्य-तेलों में बढ़त का सिलसिला आगे भी जारी रहने की संभावना व्यापारियों द्वारा व्यक्त की जा रही है। थोक व्यापारी अनिल अग्रवाल के अनुसार बारिश का मौसम होने के कारण बाजार में आवक काफी कम हो रही है। नारियल की भी उपलब्धता काफी कम हुई है, यहीं कारण है कि पिछले पंद्रह दिनों में नारियल तेल के दाम में 60 रुपए प्रति किलो तक का उछाल देखा गया है। उसी प्रकार सोयाबीन की नई फसल अक्टूबर माह के अंत में आएगी और इसके एक माह बाद सोयाबीन का तेल निकाला जा सकेगा। वहीं दूसरी आेर केंद्र सरकार सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर करने जा रही है, जिससे इसके दाम बढ़ जाएंगे। आयात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार खाद्य-तेलों पर इंपोर्ट ड्युटी बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। त्योहारों के कारण भी खाद्य-तेलों की मांग बढ़ी है, जिससे दाम में उछाल देखा जा रहा है।
1-2 माह तक राहत के आसार नहीं
व्यापारियों के अनुसार आनेवाले एक-दो माह तक दाम में राहत मिलने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। दाम में 100-150 रुपए प्रति टीन तक और उछाल आने की संभावना है।
फल्ली-तिल्ली तेल स्थिर
जहां सोयाबीन, पाम, खोपरा, सनफ्लावर तेलों के भाव बढ़ रहे हैं, वहीं फल्ली और सोयाबीन तेल के दाम स्थिर बने हुए है। बाजार में अलसी 1100-1120 (10 किलो), वनस्पति डालडा 1850-1870, फल्ली तेल 2350-2380, एरंडी तेल 2150-2180, सोयाबीन तेल 1820-1850, सरसो तेल 1820-1850, खोपरा तेल 2800-2900, सनफ्लावर 1800-1820, तिल्ली तेल 2550-2600 (प्रति टीन), कॉटन तेल - 1700-1720, पामोलिन तेल 1770-1800, राइस ब्रान - 1750-1770 रुपए बिक रहे हैं।