घिग्गी बंधी: अपना-अपना दामन बचाने के जुगाड़ में लगे कुछ पुलिसकर्मी, ढुलमुल नीति का आरोप
- जल्द गांजा तस्कर, पैडलरों की धरपकड़ अभियान
- क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के कानों तक पहुंची खबर
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए यूं तो पुलिस विभाग की ओर से हर बार बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती रही हैं। संतरानगरी को नशा मुक्त बनाने की भी घोषणा इससे पूर्व शहर के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने की, लेकिन एनडीपीएस और अन्य दस्तों की ढुलमुल नीति के चलते शहर में गांजा तस्करों, पैडलरों और विक्रेताओं की धरपकड़ थम सी गई है। इसके पीछे कुछ पुलिसकर्मियों का गांजा तस्करों, पैडलरों और विक्रेताओं से दोस्ताना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार गांजा के पनपते कारोबार को लेकर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता जताई है। शहर में गांजे की अावक को लेकर अब जल्द ही पुलिस विभाग की ओर से सघन अभियान छेड़ने की जानकारी सामने आई है।
मामला गंभीर है, जानकारी लेता हूं
निमित गोयल, उपायुक्त, अपराध शाखा पुलिस विभाग के मुताबिक यह मामला गंभीर है, जांच करूंगा, इसमें कोई भी सच सामने आने पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिसकमियों की घिग्गी बंधी
चर्चा है कि, सहदेव, संतोष, संदीप, टप्पू, कपिल, विलास, अंतुलवार,संतोष, अनूप, विजय, सतीश, नीलेश, प्रवीण अादि सहित अन्य कई पुलिसकर्मी अपना-अपना दामन बचाने के जुगाड़ में लग गए हैं। नशे के अवैध कारोबार में नाम सामने आने की चर्चा के चलते उक्त पुलिसकर्मियों की घिग्घी बंध गई है। इनकी भूमिका की जांच होने पर सब कुछ सामने आने की उम्मीद की जा रही है। एनडीपीएस विभाग में कार्यरत अधिकारियों से भी वरिष्ठ अधिकारी सवाल-जबाब कर सकते हैं कि, आखिर शहर में नशे के कारोबार को लेकर इस वर्ष अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने के पीछे क्या कारण है।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी हुए चौकन्ने गांजे के कारोबार को लेकर क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी अब चौकन्ने हो गए हैं। वह जल्द इस मामले में कड़ा कदम उठाने की बात कर रहे हैं। पिंकी, शरीफ, सागीर, पप्पू, श्रीवास्तव, कुमार, लावा, लड्डू, किराड, जावेद, मोमिनपुरा-डोबीनगर की कंपनी आदि ये ऐसे नाम हैं, जिनकी नशे के अवैध कारोबार में संलिप्तता गहराई तक होने की चर्चा है। इनके नाम सामने आने के बाद कई लोगों ने अब इनसे दूरी बना ली है।
रोल कॉल हो गया बंद
सूत्रों के अनुसार पहले क्राइम ब्रांच में कार्यरत पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों का रोल कॉल होता था। अब यह बंद हो चुका है। इससे वरिष्ठ अधिकारियों को यह पता ही नहीं चल पाता है कि, कौन सा कर्मचारी काम पर है और काैन सा कर्मचारी काम करने के नाम पर घर जाकर आराम फरमा रहा है। क्राइम ब्रांच के तत्कालीन उपायुक्त गजानन राजमाने, संभाजी कदम सहित अन्य कई उपायुक्त क्राइम ब्रांच में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों का रोल कॉल के बारे में संज्ञान लिया करते थे।