कई रियायतें: मिहान परियोजना से प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता
- सरकार ने जारी की मिहान प्रभावितों के लिए कई रियायतें
- लगनेवाले विकास शुल्क को जनता के लिए किफायती बनाएं
- व्यावसायिक संकुलों को ग्राम पंचायतों को सौंपें
- पुनर्वास के लिए होगा विकसित भुखंडों का आवंटन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मिहान से प्रभावित लोगों के लिए सरकार ने कई रियायतों की घोषणा की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि मिहान परियोजना प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है। मिहान प्रशासन को इस संबंध में तत्काल कदम उठाने के निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए। मिहान प्रोजेक्ट को लेकर सह्याद्रि गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की प्रमुख उपस्थिति में हुई बैठक में मृदा एवं जल संधारण मंत्री संजय राठोड, विधायक चन्द्रशेखर बावनकुले, विधायक आशीष जायसवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खारगे, सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, गृह निर्माण (आवास) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. वलसा नायर-सिंह, उपमुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मिहान परियोजना के तहत विकसित भूखंडों पर लगने वाले विकास शुल्क को जनता के लिए किफायती बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने मिहान परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि (फंड) की उपलब्धता के लिए प्रशासनिक स्वीकृति हेतु संशोधित (संशोधित) प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मिहान क्षेत्र के ग्राम पंचायत क्षेत्र में निर्मित व्यावसायिक संकुलों को संबंधित ग्राम पंचायतों को सौंपें, ताकि संबंधित ग्राम पंचायतों को आय का स्रोत उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि पुनर्वास अवधि के दौरान संबंधित एजेंसियों द्वारा मिहान क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को भेजे जाने वाले पेयजल बिल को भी कम करने को कहा।
पुनर्वास के लिए होगा विकसित भुखंडों का आवंटन
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मिहान क्षेत्र के म्हाडा कॉलोनी के निवासियों को उस क्षेत्र के बाहर जगह प्रदान की जानी चाहिए और उन्हें वहां स्थानांतरित किया जाना चाहिए। साथ ही मिहान परियोजना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए विकसित भूखंडों का शीघ्र आवंटन करें। मिहान क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को कर वसूलने का अधिकार नहीं है, इसलिए उनके पास आय का कोई साधन नहीं है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी सुझाव दिया है कि इन ग्राम पंचायतों को आय का स्रोत प्रदान करने के लिए एमआईडीसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले फॉर्मूले का उपयोग किया जाना चाहिए।