मराठा समाज: पिछड़ेपन की जांच के लिए सॉफ्टवेयर तैयार- लेकिन डेटा क्रास चेक की व्यवस्था नहीं

  • 23 से मराठा समाज के पिछड़ेपन की जांच 20
  • 21 व 22 को दिया जाएगा प्रशिक्षण
  • 31 तक पूरा करना है सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-19 11:21 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा समाज के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन की जांच का काम उपराजधानी समेत पूरे राज्य में 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। इसके पूर्व 20, 21 व 22 जनवरी को प्रगणकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। गोखले इंस्टिट्यूट के मास्टर ट्रेनरों द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य ओबीसी आयोग के मुताबिक 31 जनवरी तक सर्वे का काम पूरा करना है। मराठा समाज के सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन की जांच के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है। जिसमें सलाव पूछे गए हैं, इनके जवाब में डाटा फीड होगा

मराठा समाज के लोगों से 182 सवाल पूछकर आनलाइन डेटा फीड होगा

प्रश्नावली में कुल 182 प्रश्न हैं। यह सैंपल सर्वे है और मराठा समाज के लोगों से 182 सवाल पूछकर आनलाइन डेटा फीड किया जाएगा। प्रत्येक 100 परिवारों पर एक प्रगणक नियुक्त किया जाएगा। सर्वे के काम में शासकीय व अशासकीय लोगों को लगाया जाएगा। यह सर्वे खुले प्रवर्ग के तहत होगा। यानी ओबीसी के कोटे से नहीं। सरकार आेबीसी व मराठा समाज दोनों को नाराज नहीं करना चाहती।

फरवरी में जाएगी रिपोर्ट, राज्य सरकार को भेजी जाएगी

31 तक सर्वे का काम पूरा होने के बाद यह डेटा ओबीसी आयोग को भेजा जाएगा। ओबीसी आयोग इस पर मंथन करेगा और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेगा। सामान्यत: 7 फरवरी तक आयोग अपनी रिपोर्ट भेज सकता है।

इसके बाद सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के संबंध में निर्णय ले सकेगी। लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व सरकार इस बारे में सारी प्रक्रिया पूरी करना चाहती है।

जानकारी आधारित डेटा ही फीड होगा

सर्वे के दौरान जो डेटा उपलब्ध होगा, उसेे क्रॉस चेक करने की फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। मराठा, मराठा कुणबी, कुणबी मराठा समाज के लोग जो जानकारी देंगे, उसे फीड किया जाएगा। यही डेटा ओबीसी आयोग को भेजा जाएगा।

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