नागपुर: हड़ताल का साइड इफेक्ट, लाडकी बहन योजना और निराधारों के काम अटके
- राजस्व कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर
- मांगें पूरी होने तक काम बंद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला प्रशासन में कार्यरत राजस्व कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में बेमियादी हड़ताल पर चले जाने के साइड इफेक्ट सामने आ रहे है। सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहन योजना व संजय गांधी निराधार योजना से संंबंधित कामकाज बुरीतरह प्रभावति हो गया है। कर्मचारी हड़ताल पर होने से लाडली बहन योजना के आवेदनों पर अंतिम प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जिला प्रशासन में स्टाफ की कमी साफ दिखाई दे रही है। शासकीय योजना की जानकारी जुटाने व जरूरी प्रक्रिया पूरी करने जिलाधीश कार्यालय पहुंच रहे जरूरतमंदों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन "लाडली बहन योजना" का काम युध्द स्तर पर कर रहा है। इसके लिए शासकीय कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है। जिला प्रशासन में लगभग ग्यारह सौ कर्मचारी-अधिकारी काम करते है, जिसमें से 400 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर है। योजना के आवेदन स्वीकार करने के बाद उसे पात्र-अपात्र किया जाता है। दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जाती है। यह सारा काम एकतरह से रुक गया है।
इसी तरह संजय गांधी निराधार योजना की बैठक पिछले छह महीने से नहीं हुई। बैठक में जरूरतमंदों के जो दस्तावेज व फाइले रखनी है, उन दस्तावेजों की जांच पड़ताल नहीं हो सकी है। बाबू को एरिया में जाकर जरूरतमंद की आर्थिक स्थिति व परिवार की जानकारी जुटानी होती है। फिल्ड में जाकर जांच पड़ताल करने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है। हड़ताल का असर जरूरतमंदों पर हो रहा है। जिले में हुई बेमौसम बारिश व आपदा से पीड़ित किसानों के काम भी समय पर नहीं हो पा रहे है।
मांगें पूरी होने तक काम बंद
महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठन के उपाध्यक्ष राज ढोमणे ने कहा कि, जब तक मांगे पूरी नहीं होती, तब तक काम बंद रहेगा। जिले में 400 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए है। प्रमुख मांगों में राजस्व सहायक के रिक्त 100 पद भरना भी शामिल है।