सधे हुए अंदाज से विधायकों की बोलती बंद कराते रहे सीनियर नाना, कार्यकाल में छोड़ी गहरी छाप

  • हरिभाऊ बागड़े के विधानसभा अध्यक्ष कार्यकाल ने छोड़ी गहरी छाप
  • विपक्ष के निशाने पर रहे, लेकिन सरकार के भी कान खींचते थे
  • अब राजस्थान में राज्यपाल पद पर होंगे काबिज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-28 13:25 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राजस्थान के राज्यपाल नियुक्त हरिभाऊ बागड़े राज्य की राजनीति में सीनियर नाना कहे जा सकते हैं। लोग उन्हें सम्मान से नाना कहकर पुकारते थे। वे 2014 से 2019 तक विधानसभा के अध्यक्ष थे। 2019 में नाना पटोले विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। तब विनोदी अंदाज में यह भी कहा जा रहा था कि अध्यक्ष जो भी हो लेकिन पद पर तो नाना ही है। पहले भाजपा के नाना तो अब कांग्रेस के नाना हैं। खैर, हरिभाऊ बागड़े के विधानसभा अध्यक्ष कार्यकाल की अगर बात की जाए तो उन्होंने जानकारों के बीच गहरी छाप छोड़ी है। विपक्ष के निशाने पर रहे, लेकिन वे सरकार के भी कान खींचते रहे। अब उम्मीद की जा सकती है कि वे राजस्थान में नए दायित्व को निभाते हुए कथित रबर स्टंप की परंपरा से दूर रहेंगे।

नागपुर से नहीं रहा खास संबंध

हरिभाऊ बागड़े का नागपुर से खास संबंध नहीं रहा है। लेकिन देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद से वे यहां के राजनीतिक कार्यकर्ताओं से भी जुड़ गए थे। संघ कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने संभाजीनगर क्षेत्र में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वे स्वयं कहते रहे हैं कि वे बचपन से संघ के स्वयंसेवक है। मराठवाड़ा क्षेत्र में उन्होंने गाेपीनाथ मुंडे के सहयोगी कार्यकर्ता की पहचान बनायी थी। 2014 में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने हरिभाऊ को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त कराया। टोपी व धोती में कदाचित वे महाराष्ट्र के पहले विधानसभा अध्यक्ष होंगे। उनकी पोशाक ही नहीं वार्तालाप भी एकदम सामान्य रही है। उन्होंने 10 वीं तक स्कूली शिक्षा ली है। लेकिन विधानसभा कामकाज के मामले में वे गहरी समझ रखते हैं। उनके कार्यकाल में अजित पवार, दिलीप वलसे पाटील, जयंत पाटील, पृथ्वीराज चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटील सहित कई प्रमुख नेता विपक्ष में रहे। इन सभी अध्ययनशील नेताओं ने नियमों का हवाला देकर हरिभाऊ को अध्यक्ष पद से हटाने की पेशकश की। अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। लेकिन हरिभाऊ सभी को मात दे गए। नाणार रिफायनरी परियोजना को लेकर नागपुर विधानसभा में हंगामा मचा तो हरिभाऊ ने 6 विधायकों को कड़ी ताकीद दी थी। हंगामा मुंबई विधानसभा तक पहुंचा लेकिन विपक्ष ही असफल रहा।

सामान्य कार्यकर्ता

हरिभाऊ की पहचान सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर भी है। 2019 में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के इच्छुक उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए गए। नागपुर शहर भाजपा कोर कमेटी के सामने 6 विधानसभा क्षेत्र के लिए 80 इच्छुक उम्मीदवारों के नाम थे। रविभवन में हरिभाऊ ने साक्षात्कार दल की बैठक की अध्यक्षता की। वे उन दावेदारों को पक्ष में नजर आएं जिनके परिवार की राजनीतिक पृष्टभूमि नहीं थीे।

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