नागपुर: आरटीओ परिसर में कबाड़ बन रहे जब्त वाहन, ज्यादा है जुर्माना राशि तो छुड़ाने नहीं आए
- आरटीओ कार्यालय परिसर में कई महंगे वाहन
- महंगे वाहन कबाड़ बनने की स्थिति में पहुंचे
- जुर्माना वाहनों की कीमत से ज्यादा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इन दिनों आरटीओ कार्यालय परिसर में कई महंगे वाहन कबाड़ बनने की स्थिति में पहुंच गए हैं। इसका कारण है कि इन वाहनों का जुर्माना वाहनों की कीमत से ज्यादा है। ऐसे में वाहन मालिक इन्हें छुड़ाने नहीं आए हैं। परिणामस्वरूप पहले से छोटा परिसर इन वाहनों की मौजूदगी के कारण और भी ज्यादा संकरा हो गया है। ऐसे में यहां आने-जाने वालों को परेशान होना पड़ रहा है।
कई नियमों का पालन करना पड़ता है
शहर की सड़कों पर चलने के लिए वाहनधारकों को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। साथ ही वाहनों को भी सड़क पर चलाने के लिए कई दस्तावेज बनाने पड़ते हैं। जिसमें इंश्योरेन्स से लेकर पीयूसी आदि का सामावेश होता है। इसके अलावा 15 साल के ऊपर होनेवाले वाहनों को ग्रीन टैक्स भी भरना पड़ता है। ट्रान्सपोर्ट वाहनों के लिए इससे भी ज्यादा दस्तावेज की आवश्यकता होती है। जिसके लिए प्रति वर्ष इसे बनाना पड़ता है।
लापरवाही करते हैं वाहन चालक
वहीं कुछ वाहनधारक इस ओर लापरवाही बरतते हैं। जिसके कारण कार्रवाई के दौरान इन वाहनों को बहुत ज्यादा जुर्माने का सामना करना पड़ता है। लेकिन कुछ वाहनधारक इसे चुका नहीं पाते हैं। ऐसे में इस तरह के वाहनों को जब्त किया जाता है। इसके अलावा दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को भी जब्त किया जाता है।
बस व ट्रक भी शामिल
वर्तमान स्थिति में सौ से ज्यादा ऐसे वाहन रखे हैं। जि नमें निजी बसों से लेकर कार, ऑटो यहां तक ट्रक भी शामिल हैं। सूत्रों की माने तो इनमें बहुतांश वाहनों पर लगी जुर्माना राशि इन वाहनों की कीमत से ज्यादा है। जिससे इन्हें लेकर जानेवाले आ नहीं रहे हैं। ऐसे में परिसर में पड़े यह वाहन एक ओर परिसर को संकरा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चोरों को बढ़ावा भी दे रहे हैं।
चोरी होते है पार्ट
परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं रहने से जब्त इन वाहनों पर चोरों की नजर रहती है। रात के अंधेरे में यहां जब्त वाहनों से बैटरी निकालने से लेकर वाहनों के चक्के आदि पर भी हाथ साफ करते हैं। खासकर ऑटो से चक्के निकालने की घटनाएं कई बार हुई हैं। ऐसे में आरटीओ परिसर में जब्त यह वाहन एक ओर गंदगी को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर चोरों को न्यौता भी दे रहे हैं।