घोटाला: एनडीसीसी में 150 करोड़ का घोटाला, आरोपी संजय अग्रवाल कोर्ट में हुए पेश
- होम ट्रेड एंड फाइनेंस कंपनी के मालिक हैं संजय
- आरोपियों ने इसी कंपनी में निवेश किया
- बैंक दिवालिया हुआ
डिजिटल डेस्क, नागपुर । एनडीसीसी बैंक घोटाले में जिस कंपनी में आरोपियों ने पैसा निवेश किया था और जिसके कारण यह बैंक दिवालिया हुआ, उस होम ट्रेड एंड फाइनेंस कंपनी के मालिक संजय अग्रवाल को अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी के समक्ष उपस्थित पेश होना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने अग्रवाल के खिलाफ मामला चलाने पर रोक लगाई थी : एनडीसीसी बैंक में हुए 150 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार, बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, रोखे दलाल केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, लेकिन आरोपी संजय अग्रवाल के खिलाफ अभी तक मामला पूरा नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने अग्रवाल के खिलाफ मामला चलाने पर रोक लगाई थी, लेकिन संजय अग्रवाल को शुक्रवार कोर्ट में हाजिर होना पड़ा। पिछले कुछ समय से संजय अग्रवाल का पता अदालत को नहीं था। आखिरकार अग्रवाल के वकील गिरीश पुरोहित ने उनसे संपर्क किया और वह अदालत के सामने पेश हुए।
10 जनवरी तक दूसरा वकील ढूंढने की अनुमति : अग्रवाल के वकील पुरोहित ने अपना वकालतनामा वापिस लेने का कोर्ट से अनुरोध किया। कोर्ट ने एड. पुरोहित का अनुरोध स्वीकार कर लिया। साथ ही अग्रवाल को 10 जनवरी तक दूसरा वकील ढूंढने की भी अनुमति दी। इसके अलावा कोर्ट ने अग्रवाल को अपने वर्तमान निवास के साथ-साथ स्थायी पता भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
रणजीत सफेलकर व उसके साथी बरी : प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी ने जबरन दुकानों पर कब्जा करने के मामले में रणजीत सफेलकर और उसके साथी संजय करोंडे, अजय चनोर और राकेश काले को निर्दोष बरी किया। न्यायाधीश नीलेश पाटील ने यह फैसला दिया। इन सभी आरोपीयों पर दुकानों पर कब्जा करने का अपराधिक मामला दर्ज था। इस मामले में कलमना पुलिस थाने में रवि दिकोंडवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि, उसकी 2 दुकानों पर सफेलकर व साथियों ने कब्जा कर उसमें कार्यालय खोल लिया था। जब दिकोंडवार ने किराया मांगा, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। कोर्ट ने सभी की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।