आरटीई वेरिफिकेशन कमेटी सदस्य ने लीक किए दस्तावेज
- पालक से फोन पर संपर्क कर मांगी रिश्वत
- इनकार करने पर चला दांव
डिजिटल डेस्क, नागपुर. भ्रष्टाचार ने हर क्षेत्र को खोखला कर दिया है। शिक्षा का पवित्र क्षेत्र भी काली कमाई के मोह से अछूता नहीं रहा। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में वेरिफिकेशन कमेटी सदस्य के कारनामे का काला चिट्ठा सामने आया है। दस्तावेजों में खामी बताकर उसे दबाने के लिए रिश्वत मांगी गई। पालक का प्रतिसाद नहीं मिलने पर दबाव बनाने के लिए दस्तावेज लीक करने का दांव चला गया।
निजी हित साध रहे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दुर्बल तथा गरीब विद्यार्थियों को निजी स्कूलाें में प्रवेश दिलाने के लिए आरटीई अंतर्गत 25 फीसदी सीटें आरक्षित की जाती हैं। अमीर और गरीब विद्यार्थियों के बीच खाई कम कर साथ में शिक्षा देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई। प्रवेश प्रक्रिया की बागडोर जिनके हाथों में सौंपी गई, वही अपने िनजी स्वार्थ के लिए व्यवस्था में छेद कर रहे हैं। यूआरसी-2 का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। आरटीई वेरिफिकेशन कमेटी सदस्य द्वारा पालक से फोन पर संपर्क कर दस्तावेज में खामी गिनवाई गई। इस दौरान प्रकरण दबाने के लिए रिश्वत मांगी गई। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग का पक्ष जानने के लिए यूआरसी-2 के अध्यक्ष तथा उप शिक्षा अधिकारी सुशील बनसोड़ से फोन पर सपंर्क करने पर प्रतिसाद नहीं मिला।