महाराष्ट्र: डूबने की कगार पर बिजली विभाग के कर्मचारियों के ईपीएफ का 569.44 करोड़ रुपए
- यूनियन का आरोप महावितरण कंपनी के कर्मचारियों के ईपीएफ में हेराफेरी
- तीन इन्वेस्टमेंट कंपनियों में किया गया है निवेश
- यूनियन ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, कल्याण, एसएन दुबे। महावितरण कंपनी के कर्मचारियों की भविष्य निर्वाह निधि (ईपीएफ) का तीन फाइनेंस कंपनी में निवेश किया गया है। यह तीनों कंपनियां मौजूदा समय में आर्थिक बदहाली से गुजर रही हैं। ऐसे में 88 हजार बिजली कर्मचारियों के ईपीएफ का 569.44 करोड़ रुपया डूबने की कगार पर है। महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय विज कामगार फेडरेशन (इंटक) की ओर से महावितरण कंपनी पर आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
इंटक के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राकेश जाधव ने बताया कि महावितरण प्रबंधन ने बिजली कर्मचारियों के ईपीएफ के पैसे को तीन फाइनेंस कंपनियों में निवेश किया है। इसमें दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड (आईएलएफएस) और रिलायंस केपिटल का समावेश है। यह कंपनियां कर्मचारियों के ईपीएफ के निवेश पर न तो ब्याज दे रही हैं और न ही मूलधन वापस कर रही हैं। ऐसे में राज्य के 88 हजार बिजली विभाग के कर्मचारियों के ईपीएफ का 569.44 करोड़ रुपया डूबने की कगार पर है।
कर्मचारियों के साथ खिलवाड़
राकेश जाधव ने कहा कि महावितरण कंपनी बिजली कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई की इतनी बड़ी रकम का निवेश राजनीतिक दबाव में ऐसी कंपनियों में किया गया, जहां से ब्याज तो दूर मूलधन भी निकलना मुश्किल है। जाधव ने इस प्रकरण पर तत्काल लक्ष्य केंद्रित करने और जांच की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसा जल्द से जल्द वापस नहीं किया गया तो फेडरेशन राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
भरत पवार, सीपीआरओ- महावितरण के मुताबिक फेडरेशन तो कुछ भी आरोप लगा सकती है। जब मामला संज्ञान में आएगा तो प्रबंधन इसकी जांच करेगा।