नागपुर: कचरा संकलन केंद्रों की व्यवस्था पर 30 करोड़ का चूना
- महानगरपालिका और कचरा संकलन एजेंसियों की साठगांठ
- हो रहा है बड़ा खेल
- अनुबंध में कचरा संकलन केंद्र पर खर्च का उल्लेख नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में कचरा संकलन के लिए दो एजेंसियां एजी एन्वायरो और बीवीजी की नियुक्ति की गई है। घरों से कचरा संकलन कर डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने का मनपा ने कचरा संकलन एजेंसियों के साथ अनुबंध किया है। चार साल पहले कनक रिसोर्सेस मैनेजमेंट एजेंसी को हटाकर इन नई दो एजेंसियों को कचरा संकलन की जिम्मेदारी दी गई। मनपा ने नई शर्तों पर चकरा संकलन के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा रेट दिया। नियम और शर्तों को किनारा कर कचरा एजेंसियां अपनी मर्जी से संकलन कर रही है। अब मनपा प्रशासन के साथ साठगांठ कर कचरा संकलन केंद्रों की व्यवस्था पर सालाना 30 करोड़ रुपए का चूना लगाने का खेल खेला जा रहा है। विधायक विकास ठाकरे ने आयुक्त से शिकायत कर कचरा संकलन केंद्रों का विकास, संचालन व देखभाल के लिए प्रसिद्ध की गई निविदा प्रक्रिया रद्द करने की मांग की है।
अनुबंध में कचरा संकलन केंद्र पर खर्च का उल्लेख नहीं : मनपा और कचरा संकलन एजेंसियों के बीच हुए अनुबंध में कचरा संकलन केंद्र के लिए जगह मिलने पर उपलब्ध कराने का स्पष्ट किया है। केंद्र का विकास, संचालन व देखभाल के लिए खर्च करने का कही कोई उल्लेख नहीं है। मनपा के घनकचरा प्रबंधन विभाग और कारखाना विभाग ने 50 काम्पैक्टर और 15 हुक लोडर खरीदी की निविदा के साथ कचरा संकलन केंद्र का विकास, संचालन व देखभाल की निविदा प्रसिद्ध की है। उस पर सालाना 30 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है।
ऑफलाइन निविदा मंगवाकर भ्रष्टाचार का रास्ता तलाशा : मनपा की ओर से प्रसिद्ध की गई निविदा में 50 काम्पैक्टर अौर 15 हुक लोडर के लिए ऑनलाइन फाइनेंशियल बीड्स निविदा मांगवाई गई। उसी में 5 साल के लिए कचरा संकलन केंद्र का संचालन व देखभाल के लिए फाइनेंशियल बीड्स की ऑफलाइन निविदा मंगवाई गई। मनपा में ऑफलाइन निविदा मंगवाने की व्यवस्था नहीं है। भ्रष्टाचार का रास्ता तलाश कर ऑफलाइन निविदा मंगवाए जाने का ठाकरे ने आरोप लगाया।
कचरा संकलन एजेंसियों पर मनपा मेहरबान : कचरा संकलन एजेंसियां खुलेआम नियम व शर्तों को ताक पर रखकर मनमानी कर रही है। कचरे का वजन बढ़ाने के लिए िनर्माणकार्य से निकलनेवाला निर्माल्य, मिट्टी, पेड़ों की कटाई में निकलने वाली टहनियों को उठाया जा रहा है। वजन के हिसाब से उन्हें भुगतान करने पर मनपा को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। इसकी वीडियो रिकार्डिंग के साथ शिकायत करने पर भी मनपा की ओर से एजेंसियों के िखलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने का ठाकरे ने आरोप लगाया। अब भी मनपा प्रशासन होश में नहीं आने पर सड़क पर उतरकर जनआंदोलन करने की चेतावनी दी।