दहशत कायम: सुनाई दे रही दहाड़, पकड़ में नहीं आ रहा बाघ, खेतों में नहीं जा रहे लोग

  • यह है आरोप - रेस्क्यू टीम खेतों में आराम करती रहती है
  • बीते 15 दिन, खेतों में नहीं जा रहे लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-05 10:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्रादेशिक विभाग अंतर्गत पारशिवनी क्षेत्र में गत डेढ़ महीने से एक बाघ की दहशत है। 15 दिन पहले इस बाघ को पकड़कर दूसरे क्षेत्र में छोड़ने का फरमान भी वन विभाग ने निकला है, लेकिन बाघ पकड़ में नहीं आ रहा है।

ग्रामीण इस कारण परेशान

जानकारी के अनुसार, अब तक यह बाघ 35 से ज्यादा मवेशियों को निवाला बना चुका है। स्थिति की गंभीरता को देख नागपुर मुख्य कार्यालय ने बाघ को ट्रैंक्युलेट कर पेंच के जंगल में छोड़ने का फरमान जारी किया। इसके बाद अमरावती की एक टीम यहां पहुंची है, लेकिन बाघ हाथ नहीं लग रहा है। हालांकि इसे आए दिन चिंचभवन, मेहंदी, नयाकुंड, बुर्डीपंडे आदि स्थानों पर देखे जाने के दावे किए जा रहे हैं। गांव में रहने वाले कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वन विभाग इस मामले को लेकर गंभीर नहीं। दोपहर में टीम खेतों में आकर आराम करती है और शाम को नियमों का हवाला देकर गांव से निकल जाती है। ऐसे में ग्रामवासी परेशान हैं।

गांव वालों ने खदेड़ा

बताया गया कि चिचभवन में गुरुवार को शाम 5 बजे देखा गया था। दूसरे दिन गुर्डीपेंडी में उसे खदेड़ते हुए जंगल की ओर भगाया गया था, लेकिन रात में उसकी दहाड़ सुन फिर लोग दहशत में आ गए।

विभाग के अनुसार ‘नासमझ’

जानकारों की मानें तो इस बाघ की उम्र 2 से ढाई साल है। मां से बिछड़ने के बाद वह इधर-उधर भटक रहा है। इस बीच वह 35 मवेशियों को अपना निशाना बना चुका है। वन विभाग उसे ‘नासमझ’ श्रेणी में इसलिए मान रहा है, क्योंकि वह किसी के पीछे भी दौड़ता है। ऐसा लग रहा है कि शिकार के तौर-तरीकों की उसे जानकारी नहीं।

तीन दिन से नहीं दिखा है बाघ

अनिल भगत, आरएफओ, पारशिवनी के मुताबिक टीम अपना काम कर रही है। तीन दिन से बाघ दिखा नहीं है। सही समय पर इसे ट्रैंक्युलेट किया जाएगा।


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