नागपुर: समाज कल्याण विभाग पर राजस्व विभाग पड़ा भारी, सहायक आयुक्त के पदों पर भी कब्जा

  • अतिक्रमण कम होने की बजाय और बढ़ गया
  • अध्यक्ष के बाद अब सहायक आयुक्त के पदों पर भी किया कब्जा
  • राजस्व विभाग पड़ा भारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-11 13:14 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज कल्याण विभाग पर राजस्व विभाग भारी पड़ गया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों का अतिक्रमण कम करने को लेकर पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रहे समाज कल्याण विभाग को जोर का झटका लगा है। जाति वैधता समिति के अध्यक्ष पद पर राजस्व विभाग के अधिकारियों का कब्जा पहले से है। अब राजस्व विभाग के अधिकारियों को समाज कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति दी गई है। समाज कल्याण विभाग के तहत आनेवाली जाति वैधता समिति राज्य के सभी 36 जिलों में है। अध्यक्ष पद पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की नियुक्ति को लेकर पिछले कई वर्षों से संघर्ष जारी है। सरकार ने 36 में 6 पद समाज कल्याण अधिकारी को देने को मंजूरी तो दी, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हो सका है। इसीतरह समाज कल्याण विभाग में सह आयुक्त के 5 पद है। दो पर विभाग के अधिकारी पदस्थ हैं, जबकि 3 पर दूसरे विभाग के अधिकारी बैठे हैं। विभाग में काबिल अफसर होने के बावजूद चार दशकों से यह हो रहा है।

राज्य में सहायक आयुक्त के 40 से ज्यादा पद हैं। इस पद पर विभाग का ही अधिकारी काम करता था। अब सरकार ने इसमें भी दूसरे विभागों की घुसपैठ बढ़ा दी है। गट विकास अधिकारी अनंत कदम को समाज कल्याण कार्यालय जालना में सहायक आयुक्त के रूप में प्रतिनियुक्ति दे दी है। एक अन्य जगह भी राजस्व विभाग के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति दी गई है। एक के बाद एक मिल रहे झटके से समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बेहद चिंतित है।

अतिरिक्त आयुक्त का पद भी हाथ से जाने का डर

सह आयुक्त को अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नत किया जाता है। पिछले कई वर्षों से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर राजस्व विभाग के अधिकारी पदस्थ थे। अब ये पद खाली पड़ा है। सरकार ने अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं की है। विभाग में ही कई ऐसे अफसर हैं, जो इस पद पर पदोन्नती के लिए पात्र हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक किसी को पदोन्नति नहीं दी। इस पद पर फिर से राजस्व विभाग का अधिकारी बैठने का डर समाज कल्याण विभाग काे सता रहा है।

ये नाइंसाफी कब बंद होगी

-माधव झोड़, पूर्व अध्यक्ष सामाजिक न्याय राजपत्रित अधिकारी संगठन के मुताबिक हमने कई वर्षों तक अधिकारों के लिए संघर्ष किया। सरकार ने हर बार विभाग के ही अधिकारियों को तवज्जो देने का वादा किया, लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। अध्यक्ष के 36 में से 6 पद विभाग को दिए, लेकिन फिलहाल एक भी अध्यक्ष पद पर विभाग का अधिकारी नहीं है। सह आयुक्त के 5 में से 3 पद पर भी दूसरे विभागों के अधिकारियों का कब्जा है। अब तो हद ही हाे गई। सहायक आयुक्त के पद भी दूसरे विभागों को दिए जा रहे है। अधिकारियों में जबरदस्त नाराजी है। सरकार को कई बार अवगत किया गया।

  

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