परिपत्रक: संविदा शिक्षक - 70 साल तक आयु सीमा के सेवानिवृत्त शिक्षक नियुक्ति के लिए पात्र
- संविदा शिक्षक - केंद्र प्रमुख, अधिकारी वर्ग के आवेदन
- पड़ताल में साफ होगी स्थिति
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद स्कूलों में रिक्त पदों पर संविदा शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए गए। सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए यह भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है। पर्यवेक्षकीय सेवा से रिटायर्ड हुए केंद्र प्रमुख तथा अधिकारी वर्ग के आवेदन प्राप्त होने की विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है। खास बात यह है कि सेवानिवृत्त शिक्षकों का प्रतिसाद नहीं मिला। शिक्षकों के 828 पद रिक्त हैं। आवेदन मात्र 211 प्राप्त हुए।
पड़ताल में साफ होगी स्थिति
शासन परिपत्रक में शिक्षकों की रिक्त सीटों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की संविदा तत्व पर नियुक्ति की अनुमति दी है। प्राप्त आवेदनों की पड़ताल की जा रही है। पर्यवेक्षकीय सेवा में रहे केंद्र प्रमुख तथा अधिकारी स्तर सेवानिवृत्तों के आवेदन अपात्र ठहराए जाने की सूत्रों से जानकारी मिली है। 70 साल से कम आयु के सेवानिवृत्त शिक्षक ही संविदा शिक्षक के लिए पात्र बताए गए हैं। उसमें भी यदि किसी की विभागीय जांच चल रही होगी या सेवाकाल में किसी कारणवश निलंबन अथवा अन्य कोई कार्रवाई की गई है, ऐसे सेवानिवृत्त शिक्षकों के आवेदन भी अपात्र ठहराने की संभावना जताई गई है। आवेदनों की पड़ताल के बाद पात्र-आपत्र की स्थिति साफ होगी।
सेवानिवृत्ति से पहले भी आवेदन : संविदा शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करनेवालों में दो आवेदन सेवानिवृत्ति से पहले ही प्राप्त हुए हैं। उन्हें सेवानिवृत्ति के लिए 2-3 महीने शेष बताए गए हैं। सेवानिवृत्त शिक्षकों में से ही संविदा शिक्षक नियुक्ति का सरकारी आदेश प्राप्त होने से उनके भी आवेदन अपात्र ठहराया जाना तय माना जा रहा है।
सरकारी परिपत्रक ने बढ़ाया पेंच : जिला परिषद की आमसभा में शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थानीय सुशिक्षित बेरोजगार युवाओं को 5 हजार रुपए प्रति माह मानधन पर नियुक्ति का निर्णय लिया गया। उन्हें देय मानधन जिला खनिज निधि से आवंटित करने के प्रस्ताव को तकनीकी मंजूरी मांगी गई। सरकार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति करने पर खनिज निधि से मानधन आवंटित करने का परिपत्रक जारी किया। सेवानिवृत्त शिक्षक संविदा तत्व पर काम करने के लिए इच्छुक नहीं। सरकार बेरोजगारों को शिक्षक स्वयंसेवक नियुक्त करने की मंजूरी देने तैयार नहीं। इस बीच, शिक्षकों के रिक्त पदों का पेंच फंस गया है।
आवेदकों में अधिकांश शहरी : संविदा शिक्षक के लिए आवेदन करनेवाले सेवानिवृत्त शिक्षकों में अधिकांश नागपुर तथा अन्य जिले के शहरों में रहनेवालों का समावेश है। जिला परिषद के स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में है। शिक्षा से जुड़े रहने की चाह में आवेदन तो कर दिए, लेकिन 20 हजार रुपए मानधन में सेवा निरंतर जारी रख जाएंगे या नहीं, यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है।
सरकारी घोषणा पानी का बुलबुला : राज्य में शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर होहल्ला मचने पर राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती की घोषणा कर दी। पात्र उम्मीदवारों से पवित्र पोर्टल पर आवेदन मंगवाए। जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का जोर-शोर से प्रचार, प्रसार किया गया। शिक्षकों के रिक्त पद भरने की उम्मीद जगी। जिला परिषदों से रोस्टर मंगवाए। राज्य के सभी जिला परिषदों ने रोस्टर अपलोड कर 5 महीने हो गए। उसके बाद सरकार ने मौन धारण करने से स्थायी शिक्षक भर्ती की घोषणा पानी का बुलबुला साबित हुई।
स्थायी शिक्षक भर्ती समस्या का हल : जिला परिषद स्कूलों में शिक्षकों की कमी से शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर गिर रहा है। सरकार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों की संविदा शिक्षक नियुक्ति को हरी झंडी दी। जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ कर दी। सेवानिवृत्त शिक्षकों का उसे प्रतिसाद नहीं है। रिक्त पदाें के एक चौथाई आवेदन प्राप्त हुए। पड़ताल में 25 फीसदी अपात्र ठहरने की आशंका जताई गई है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि स्थायी शिक्षकों की भर्ती ही समस्या का एकमात्र हल है। सरकार को उसे गंभीरता से लेना चाहिए।
आवेदनों की पड़ताल जारी
रोहिणी कुंभार, जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), जिला परिषद के मुताबिक सेवानिवृत्त शिक्षकों के 211 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदनों की पड़ताल की जा रही है। सरकारी परिपत्रक अनुसार पात्र आवेदनों की सूची जल्द जारी की जाएगी।