लड़कियां अव्वल: 10वीं बोर्ड परीक्षा का आया रिजल्ट, शहर में श्रीया, आर्या, सुहानी सबसे आगे
- बायोमेडिकल इंजीनियरिंग करना है : श्रीया
- मायक्रोबायोलॉजी साइंटिस्ट लक्ष्य : आर्या
डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणाम सोमवार को दोपहर घोषित किए गए। 10वीं बोर्ड परीक्षा में शहर की लड़कियों ने बाजी मारी है। शहर में श्रीया सांबरे ने 98.60 प्रतिशत अंकों के साथ संभावित प्रथम, आर्या चौधरी ने 98.20 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरा और सुहानी येलने ने 97.80 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए संभावित तीसरा स्थान हासिल किया है। विशेष बात यह है कि शहर से संभावित अव्वल रही श्रीया, आर्या, सुहानी सोमलवार निकालस स्कूल की छात्रा हैं। इसके अलावा लखोटिया भुतड़ा हाईस्कूल, कोंढाली की छात्र चारुल नासरे, आर. एस. मुंडले इंग्लिश स्कूल की छात्र सई सोमलवार, सोमलवार निकालस स्कूल की दो छात्रा तनिष्का चौधरी और निमिषा शेलके ने भी कौशल के अतिरिक्त अंकों से बढ़त पाई है।
अतिरिक्त अंक का फायदा : दसवीं बोर्ड परीक्षा में बेस्ट फाइव विषयों में अधिक अंक प्राप्त करने के साथ ही खेल, संगीत और चित्रकला आदि कला और कौशल के अतिरिक्त अंक छात्रों को मिले हैं। इस अतिरिक्त अंकों के साथ चारुल नासरे ने 100 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। चारुल को खेल के अतिरिक्त 15 अंक मिले हैं। 99.60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली सई सोमलवार को संगीत कला के 10 अतिरिक्त अंक मिले हैं। तनिष्का चौधरी ने 98.80 प्रतिशत और निमिषा शेलके ने अतिरिक्त अंकों के साथ 98 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। इसके अलावा ताजबाबा नाइट हाईस्कूल से सलीम लासकर ने 89.40 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम और ब्लाइंड छात्रों में क्षितिज ताजणे ने 81 फीसदी अंकों के साथ अव्वल स्थान हासिल करते हुए बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग करना है : श्रीया
सोमलवार निकालस स्कूल की छात्रा श्रीया सांबरे ने 98.60 प्रतिशत अंक के साथ शहर से संभावित अव्वल स्थान हासिल किया है। श्रीया ने बताया कि हर विषय को समझने पर ज्यादा जोर दिया। डांस, पेंटिंग और पुस्तक पढ़ने का शौक रखने वाली श्रीया को भविष्य में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग करना है। पिता मोहन सांबरे क्रिकेट कोच हैं। मां राजश्री सांबरे इंजीनियर के साथ ही होम मेकर हैं।
मायक्रोबायोलॉजी साइंटिस्ट लक्ष्य : आर्या
शहर से संभावित दूसरा स्थान हासिल करने वाली आर्या चौधरी मायक्रोबायोलॉजी साइंटिस्ट बनना चाहती है। काेई भी ट्यूशन न लगाते हुए सेल्फ स्टडी से आर्या ने यह सफलता हासिल की है। पिता डाॅ. मनीष चौधरी वेटरिनरी सर्जन हैं, वही मां डॉ. पल्लवी चौधरी प्रियदर्शनी इंजीनियरिंग कालेज में प्राध्यापिका हैं। आर्या को प्रेरणादायी किताबें पढ़ना पसंद है।