मांग: विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर सरकारी अस्पताल के निवासी डॉक्टर्स कल से करेंगे हड़ताल
- समय पर चाहिए विद्यावेतन , नए छात्रावास की मांग
- सरकारी अस्पतालाें में स्वास्थ्य सेवा होगी प्रभावित
- 1043 निवासी डॉक्टर्स हड़ताल पर जाएंगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में सेवारत निवासी डॉक्टर बुधवार 7 फरवरी से हड़ताल पर जाएंगे। निवासी डॉक्टरों की विविध समस्याओं को लेकर अब उनका संगठन मार्ड आक्रामक हो चुका है। बुधवार से मार्ड से संलग्न मेडिकल के 693 और मेयो के 350 मिलाकर कुल 1043 निवासी डॉक्टर्स हड़ताल पर जाएंगे। इस कारण सरकारी अस्पतालाें में स्वास्थ्य सेवा चरमराने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
हड़ताल का सरकार पर असर नहीं : जिले के दो बड़े शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) व दूसरा इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) का अधिकतर कामकाज निवासी डॉक्टरों के भरोसे चलता है। ओपीडी में कार्ड निकालने के बाद विविध विभागों में जांच समेत अन्य कार्य निवासी डॉक्टरों की मदद से ही पूरा होता है। पूरे राज्य में यही स्थिति है। निवासी डॉक्टरों द्वारा दिन-रात सेवा देने के बावजूद सरकार उनकी मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी करती है। इसके अलावा उनकी अनेक समस्याओं व मांगों पर विचार नहीं किया जाता। उन्हें बार-बार केवल आश्वासन दिया जाता है। इस कारण मार्ड संगठन संतप्त हो चुका है। उनकी बड़ी मांग में विद्या वेतन समय पर मिलना चाहिए, शामिल हैै। सेंट्रल मार्ड ने 2023 में विद्यावेतन को लेकर हड़ताल की थी। उस समय हर महीने में 10 तारीख को विद्या वेतन देने की मांग की थी। इसके अलावा निवासी डॉक्टरों के लिए पर्याप्त संख्या में व सुविधाजनक छात्रावास निर्माण करने की मांग की गई थी। उस समय सरकार ने आश्वासन दिया था, लेकिन इसकी पूर्ति नहीं की गई।
पिछले महीने में भी दिया था आश्वासन : पिछले महीने फिर से चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ बैठक हुई थी। मार्ड ने फिर से अपनी मांगें दोहराई थी। उस समय भी केवल आश्वासन दिया गया था। इसलिए सेंट्रल मार्ड ने बुधवार से हड़ताल करने का निर्णय लिया है। बुधवार की शाम 5 बजे से हड़ताल शुरू होगी। मेयो में मार्ड के अध्यक्ष डॉ. बालगंगाधर द्विवेदी ने यह जानकारी दी है। वहीं मेडिकल मार्ड की डॉ. शिवानी ने बताया कि दिसंबर का विद्या वेतन फरवरी में मिला है। जनवरी का विद्या वेतन अब तक नहीं मिल पाया है। कई बार तो 3-3 महीने तक विद्या वेतन नहीं मिल पाता। इस कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मेडिकल में पिछले पांच साल से छात्रावास निर्माण का काम निधि के अभाव में धीमी गति से चल रहा है। एक-एक कमरे में 4 या इससे अधिक निवासी डॉक्टरों को रहना पड़ रहा है।