रोष: कृषि सेवा केंद्रों का 20 से खरीदी पर बहिष्कार
प्रस्तावित कठोर कृषि बिल के विरोध में असंतोष
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार के प्रस्तावित कृषि बिल में बीज, खाद व कीटनाशक में मिलावट तथा गुणवत्ता पर खरा नहीं उतरने पर कृषि सेवा केंद्र संचालकों के खिलाफ गैरजमानती अपराध दर्ज करने का प्रावधान है। उसके विरोध में कृषि सेवा केंद्र संचालकों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर प्रस्तावित कृषि बिल रद्द करने की मांग की है। सरकार अपनी भूमिका पर अड़ी रहने से कृषि सेवा केंद्र संचालकों का संगठन नागपुर डिस्ट्रिक्ट एग्रो डीलर्स एसोसिएशन ने 20 नवंबर से कृषि से संबंधित सामग्री खरीदी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
शीतसत्र में लाया जाएगा प्रस्तावित बिल : कृषि बीज, खाद तथा कीटनाशक की गुणवत्ता पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने कृषि कानून में संशोधन का मसौदा तैयार किया है। विधानमंडल के आगामी शीतसत्र में उसे सदन में लाने की तैयारी है। प्रस्तावित बिल में कृषि बीज की बोरी और उस पर लगाए गए लेबल में अंतर पाए जाने, उत्पादक कपंनी ने हामी भरी अंकुरण क्षमता पर बीज खरा नहीं उतरने, बीज लेबल के अथवा मिलावटी बीज का संग्रहण या बिक्री करने पर संबंधित कृषि सेवा केंद्र को कार्रवाई के दायरे में लाया गया है। खाद तथा कीटनाशक की गुणवत्ता या मिलावट के लिए भी कृषि सेवा केंद्र संचालकों पर फौजदारी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
बेवजह लटकाई जा रही कानून की तलवार : कृषि से संबंधित बीज, खाद या कीटनाशक कृषि सेवा केंद्र संचालक उत्पादन नहीं करते। उत्पादक कंपनियों से खरीदी कर किसानों को बेंचा जाता है। यदि किसी कंपनी के उत्पादन में खामी है, उसके लिए कृषि सेवा केंद्र संचालकों को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है। कृषि केंद्र संचालकों पर बेवजह कानून की तलवार लटकाए जाने से विरोध में उतरने का तर्क दिया है।