उपाय: बिजली दरों में कटौती कर आमजन और उद्योगों को राहत दें - प्रदीप माहेश्वरी

  • प्राकृतिक संसाधन विशेषज्ञ प्रदीप माहेश्वरी की राज्य सरकार से मांग
  • इन उपायों से 50% तक कम की जा सकती हैं दरें
  • बिजली की ऊंची दर के कारण नहीं आ रहे उद्योग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-10 16:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ में बिजली दरों में 50 प्रतिशत तक कटौती कर क्षेत्र की जनता और उद्योगों को राहत प्रदान करने की मांग प्राकृतिक संसाधन विशेषज्ञ प्रदीप माहेश्वरी ने राज्य सरकार से की है। माहेश्वरी के अनुसार कोयला और बिजली संयंत्र करीब होने के कारण विदर्भ में बिजली उत्पादन की दर देश में सबसे कम है। केवल पुणे, मुंबई और नासिक को राहत देने के लिए विदर्भ के लोगों को अपने संसाधनों के लाभ से वंचित रखा जा रहा है। यदि राज्य में समान बिजली की दरें रखना इसका उद्देश्य है, तो औद्योगिक विकास में विदर्भ को पीछे रखना सरासर अन्याय है। \"सबका साथ, सबका विकास' यदि प्रधानमंत्री का उद्देश्य है, तो फिर विदेशी निवेश में नंबर एक का दावा करने वाले उपमुख्यमंत्री एवं देश के विकास में बड़ा योगदान देने वाले केंद्रीय मंत्री नितीन गड़करी का नागपुर और विदर्भ दशकों से पिछड़ा क्यों है, इसका जवाब सार्वजनिक मंच से जनता को मिलना चाहिए।

बिजली की ऊंची दर के कारण नहीं आ रहे उद्योग

बड़े उद्योगों के करार होने के बाद भी उद्योगों के न आने का मुख्य कारण बिजली की अत्यंत ज्यादा दरें हैं। उद्योगों में बिजली का रोल शरीर में ऑक्सीजन की तरह होता है, जिसका कम दरों में मिलना आवश्यक है। वेस्टर्न कोल फील्ड और महाजेको को मिलकर बिजली की दरें कम करने के बारे में निर्णय लेना चाहिए।

इन उपायों से 50% तक कम की जा सकती हैं दरें

प्रदीप माहेश्वरी ने बताया कि, यदि इच्छाशक्ति हो तो बिजली की दरें 50% तक कम की जा सकती हैं। बेहतर राख प्रबंधन द्वारा पानी की बचत, कोल वाशिंग बंद करके, ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले उद्योग जैसे फेरो एलॉय, स्टील,डाटा सेंटर, टेक्सटाइल क्षेत्र बिजली संयंत्रों के पास लाकर उन्हें सस्ती बिजली देकर परिवहन वितरण लागत कम करना, बेहतर प्रबंधन द्वारा भ्रष्टाचार कम करना, बिजली संयंत्रों को उच्चतम लोड फैक्टर पर चलाना, वेस्टर्न कोलफील्ड पर 450 रुपए प्रति टन के माइन स्पेसिफिक चार्ज को वापस लेने हेतु दबाव बनाकर, बिजली चोरी रोककर, सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाकर, किसानों को सोलर पर शिफ्ट करके बिजली दरें 50% कम की जा सकती हैं और उद्योगों पर से क्रॉस सब्सिडी हटाई जा सकती है। मुंबई, नासिक, पुणे में 1 रुपए प्रति यूनिट का कर लगाकर विदर्भ को राहत स्वरूप देना चाहिए।

तीव्र औद्योगीकरण आवश्यक

माहेश्वरी के अनुसार विदर्भ का तीव्र औद्योगीकरण अत्यंत आवश्यक है। सारे प्राकृतिक संसाधनो का वैल्यू एडिशन सस्ती बिजली के अभाव में वर्षों से रूका पड़ा है। लाखों रोजगार की संभावना वाले विदर्भ की राजनीतिक उपेक्षा दशकों से जारी है। जिस तरह से मुंबई का बंदरगाह मुंबई-पुणे-नासिक की तरक्की सुनिश्चित करता है उसी तरह कोयला बिजली खनिज विदर्भ की तरक्की के लिए इस्तेमाल हो यह फडणवीस और गडकरी को सुनिश्चित करना चाहिए।


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