फिट्जी ट्यूशन क्लासेस: शिक्षक-छात्रों की समस्या बरकरार, 12 लोगों ने छोड़ी नौकरी, क्लासेस हुई बंद

  • दिल्ली के हेड ऑफिस ने हाथ खड़े किए
  • प्रदर्शन के दबाव में इंस्टीट्यूट ने दिया आश्वासन
  • छात्रों के नियमित क्लासेस बंद हुए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-13 09:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लाखों की फीस भरने के बाद भी नियमित क्लासेस नहीं होने से अभिभावक और छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन करने से लॉ कॉलेज चौक स्थित \"फिट्जी' ट्यूशन क्लासेस कुछ दिनों से काफी सुर्खियों में है। प्रदर्शन के दबाव में इंस्टीट्यूट ने 72 घंटे में सब कुछ ठीक करने का आश्वासन दिया था, मगर बुधवार तक समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले रविवार को क्लासेस के सामने आंदोलन किया गया था। फिट्जी ट्यूशन क्लॉसेस में पिछले दो महीने से शिक्षकों को पेमेंट नहीं मिलने से करीब 10 से 12 शिक्षक नौकरी छोड़ कर चले गए थे। इससे छात्रों के नियमित क्लासेस बंद हुए थे।

फोन नहीं उठाते हैं : फिट्जी ट्यूशन क्लॉसेस नागपुर ब्रांच के पदाधिकारियों कहना है कि फीट्जी का हेड ऑफिस दिल्ली में है। वहीं से ही पिछले दो महीने से शिक्षकों को पेमेंट नहीं मिला है। नागपुर में करीब 30 शिक्षक पढ़ाते हैं। उनमें से फिलहाल 10 से 12 शिक्षक पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। पिछले दो महीने से मैथेमेटिक्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री जैसे विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। इससे एक आेर दो महीनों से नियमित क्लासेस नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर लाखों की फीस देने के बाद भी छात्रों को नियमित ट्यूशन से वंचित रहना पड़ रहा है। जब भी अभिभावक क्लासेस के बारे में जानकारी लेने के लिए फिट्जी में फोन करते हैं, उन्हे संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाते थे। बाद में फिट्जी वालों ने अभिभावकों का फोन ही उठाना बंद कर दिया। समस्या का समाधान करने 72 घंटे का समय मांगा था, जो बुधवार को खत्म हो गया।

क्लास शुरू की, मगर शिक्षक नहीं आए : फिट्जी ने नियमित क्लास शुरू करने को लेकर तीन दिन की मोहलत मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार फिट्जी ने 12 जून से दबाव में जैसे-तैसे छात्रों की क्लास शुरू की, मगर शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने और पेमेंट के नाम पर चुप्पी साध रखी है। विद्यार्थी पहुंचे, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं थे। सूत्रों के अनुसार छात्रों से फीस तो ले ली, मगर फिट्जी की आर्थिक मजबूरियों के चलते उसे कहीं और खर्च कर दिया गया। अब शिक्षकों को भुगतान देने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए एक-एककर यहां से शिक्षक और अन्य कर्मचारी भाग रहे हैं। दिल्ली हेड ऑफिस ने हाथ खड़े कर दिए हैं। विद्यार्थी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।


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