नागपुर: प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव का विराेध, आरटीई प्रतिपूर्ति राशि के लिए मेस्टा जाएगी कोर्ट
- बार-बार आरटीई प्रतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने की मांग
- आवश्यक दस्तावेज भेजने का अनुरोध
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकार आरटीई के तहत प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के लिए निजी अंग्रेजी स्कूल को निधि उपलब्ध कराती है, लेकिन वर्ष 2015 से राज्य सरकार ने अंग्रेजी स्कूलों के संस्था चालकों को आरटीई प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान ही नहीं किया है। इसलिए महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल एसोसिएशन (मेस्टा) ने आरटीई प्रतिपूर्ति राशि के लिए राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी की है।
इस कारण अदालत की शरण में
मेस्टा नागपुर विभाग के सचिव कपिल उमाले ने कहा कि आरटीई अंतर्गत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए निजी अंग्रेजी स्कूल में प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के लिए निजी स्कूलों को हर साल राज्य सरकार द्वारा निधि उपलब्ध कराया जाता है। वर्ष 2015 से यह निधि ही नहीं दिया गया है। राज्य सरकार के पास प्रवेश शुल्क बकाया होने के कारण निजी स्कूल चलाने में बड़ी दिक्कत आ रही है।
बार-बार आरटीई प्रतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने की मांग
मेस्टा ने सरकार को बार-बार आरटीई प्रतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन सरकार कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है। इसलिए मेस्टा के मार्गदर्शक संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय तायडे पाटील एवं पदाधिकारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में हुए बदलाव का भी मेस्टा ने विरोध किया है।
आवश्यक दस्तावेज भेजने का अनुरोध
कपिल उमाले ने यह भी बताया कि, आरटीई प्रतिपूर्ति राशि का सरकार जल्द से जल्द भुगतान करे, इस मांग को लेकर मेस्टा के वकील ज्ञानेश्वर पोकले के माध्यम में से हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाने वाली है।
इसलिए मेस्टा ने राज्य के सभी निजी संस्था चालकों से अनुरोध किया है कि अपना संगठन प्रमाण पत्र, निधि मांग का आवेदन पत्र, फॉर्म ए बी और वकील पत्र के ऊपर संगठन के अध्यक्ष या सचिव की मुहर और हस्ताक्षर के साथ दस्तावेज तैयार करके भेजें।