निर्देश: सरकारी योजनाओं में निजी बैंकों की रुचि नहीं
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ.भागवत कराड ने अधिकारियों से की चर्चा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार की सहायता योजनाओं का लाभ दिलाने में निजी क्षेत्रों की बैंकों की रुचि कम है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पर अमल के मामले में महाराष्ट्र पिछड़ा है। गड़चिरोली व वाशिम समान विदर्भ के जिलों में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए और अधिक ठाेस कदम उठाने की आवश्यकता है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ.भागवत कराड ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी। विदर्भ में सरकार की वित्त सहायता योजनाओं की समीक्षा के तहत कराड ने विविध बैंकों के अधिकारियों से आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने बैंकोें को किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सहायता देने को कहा।
इसी माह बैठक : डा.कराड ने कहा कि सरकार की योजनाओं के तहत किसानों, छोटे व्यावसायियों व फुटपाथ के विक्रेताओं को ऋण दिया जा रहा है। इन विशेष आर्थिक सहायता योजनाअों पर समुचित अमल नहीं हो पा रहा है। इसी माह के अंतिम सप्ताह में वित्त मंत्रालय में बैठक ली जाएगी। सरकारी योजनाओं के तहत ऋण वितरण के मामले में निजी बैंकोें की भागीदारी बढ़ाने के संबंध में निर्देश दिए जाएंगे।
फसल ऋण पर बोले : फसल ऋण के संबंध में डॉ.कराड ने कहा कि जिला स्तर पर आर्थिक सहायता का निर्णय लिया जाता है। महाराष्ट्र में इस संबंध में एससीबीसी अर्थात स्टेट लेवल बैंक कमेटी कार्य कर रही है। जिलाधिकारी फसल ऋण निर्धारित करते हैं। सरकार की वित्त सहायता योजना के संबंध में विदर्भ जनजागृति के लिए शिविर लिए जा रहे हैं। जनजागृति के लिए ग्रामीण बैंकों व जिला सहकारी बैंकों को िवत्त विभाग की ओर से वाहन दिलाए जाएंगे। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मुंबई में फुटपाथ के विक्रेताओं को पर्याप्त सहायता दी गई है, लेकिन इस योजना पर अमल में मामले में राज्य का स्थान देश में 7वां है।
18 वर्ष के मतदाता का बैंक खाता : 18 वर्ष में मतदाता बनने के साथ ही नागरिक बैंक खाताधारक बनेंेगे। डॉ.कराड ने कहा- जिलाधिकारी स्तर पर मतदाता सूची के आधार पर 18 वर्ष की उम्र के नागरिकों को बैंक खाताधारक बनाने के निर्देश बैंकोें को दिए गए हैं। प्रत्येक नागरिक का बैंक खाता होना चाहिए। देश में 50 करोड़ से अधिक नागरिकों ने जनधन योजना के अंतर्गत बैंक खाते खोले हैं। इनके खातों में 2,04,482 करोड़ रुपए हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना में 43 लाख कराेड़ का कर्ज दिया गया है। राष्ट्रीय बैंकों को लाभांस 1.04 लाख करोड है। एनपीए 11 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर आ गया है।
पशुपालन व मत्स्यपालन संबंधी योजनाओं में शून्य : पशुपालन व मत्स्यपालन संबंधी केंद्र सरकार की सहायता योजना पर अमल के मामले में िवदर्भ के 6 जिले शून्य है। भंडारा के लोकसभा सदस्य सुनील मेंढे के उपस्थिति में इस विषय पर चर्चा में बैंक अधिकारियों ने स्वीकार किया कि योजना के बारे में नागरिकों को अधिक जानकारी नहीं है। मंत्री कराड ने यह तक पूछ लिया कि अधिकारियों को ही इस संबंध में जानकारी है या नहीं। बताया गया कि योजना के तहत सामान्य आवेदन पत्र देकर 1.60 लाख रुपए तक का ऋण पाया जा सकता है। मेंढे ने कहा-मेरे लोकसभा क्षेत्र में 1600 के करीब तालाब हैं, लेकिन इस योजना का एक भी लाभार्थी नहीं है।
समय बदलने से संवाद माध्यम के प्रतिनिधियों को असुविधा : वित्तराज्य मंत्री कराड की पत्रकार वार्ता में शामिल होने गए संवाध माध्यम के प्रतिनिधियों का काफी असुविधा हुई। वार्ता का निर्धारित समय दो बार बदला गया। वर्धा मार्ग के होटल में वार्ता की प्रतीक्षा कर रहे प्रतिनिधियों को दो बार एक कक्ष से अलग किया गया। संबंधित लोगों का व्यवहार तल्ख था। लिहाजा पत्रकार वार्ता कवर किए बिना ही ज्यादातर प्रतिनिधि लौट गए।