नागपुर: सिविल लाइन्स से होगी प्री-पेड मीटर की शुरुआत, बिजली चाहिए तो पहले रीचार्ज करें
नागपुर
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नागपुर समेत विदर्भ में बिजली के प्री-पेड मीटर लगाने का काम अमहदाबाद की मांटे कारलो कंपनी को मिला है। महावितरण के मानकापुर व बिजली नगर कालनी में टेस्टिंग के लिए प्री-पेड मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। प्रत्यक्ष लोगों के घरों में प्री-पेड मीटर लगाने का काम 25 मई के बाद शुरू हो सकता है। महावितरण की नजर में सिविल लाइन्स सब डिविजन सबसे सेफ एरिया है और प्री-पेड मीटर लगाने की शुरुआत इसी इलाके से की जाएगी।
चुनाव के कारण हुआ विलंब : लोकसभा चुनाव के कारण प्री-पेड मीटर लगाने का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। 20 मई को पाचवें चरण के चुनाव के साथ ही महाराष्ट्र में मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। मांटे कारलो कंपनी ने महावितरण अधिकारियों के साथ मिलकर महावितरण के मानकापुर व बिजली नगर कालनी में टेस्टिंग के लिए प्री-पेड मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया है। ये दोनों कालोनियां महावितरण के अधिकार क्षेत्र वाली हैं और यहां महावतिरण कर्मचारी ही रहते हैं। गेट-वे से टेस्टिंग होती है आैर 200 से 250 मीटर होते हैं। 25 मई के बाद सिविल लाइन्स व शंकर नगर सब डिवीजन में प्री-पेड मीटर लगाने का काम शुरू हो सकता हैै। यहां शासकीय आवास, इमारत व कार्यालयों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। चूंकि, शासकीय अधिकार क्षेत्र की जगह होने से यहां विरोध होने का सवाल ही नहीं है।
अब मोबाइल की तरह पहले रिचार्ज करना होगा मीटर
महावितरण की नजर में सिविल लाइन्स व शंकर नगर सब डिवीजन के उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान करते हैं। यहां बिजली चोरी कम होने के साथ ही बकाया बिल को लेकर हिंसा होने की घटनाएं बहुत कम हैं। यहां के इतिहास व भूगोल का पता होने से महावितरण इन दोनों एरिया को सुरक्षित मानकर प्री-पेड मीटर लगाने की शुरुआत करना चाहता है। 20 मई को राज्य में लोक सभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, इसलिए लोगों के गुस्से का राजनीतिक नफा-नुकसान होने का संकट नहीं है। शहर के कई राजनीतिक व सामाजिक संगठन प्री-पेड मीटर का विरोध कर चुके हैं। प्री-पेड मीटर मोबाइल की तरह पहले रिचार्ज करना होगा आैर रिचार्ज करने के बाद ही घर रोशन हो सकेगा।
प्री-पेड मीटर ने ठंडा कर दिया डिजिटल मीटर का उत्पादन
महावितरण ने प्री-पेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू करने से डीजिटल मीटर के उत्पादन पर असर हुआ है। मीटर का उत्पादन कम करने से उपभोक्ताआें के फाल्टी मीटर बदलने व नए मीटर लगाने की रफ्तार भी धीमी हो गई है। फाल्टी मीटर बदलने में महीनों लग रहे हैं। महावितरण का मानना है कि, फाल्टी मीटर बदले, तो प्री-पेड मीटर लगाने में परेशानी हो सकती है। महावितरण का टारगेट हर जगह प्री-पेड मीटर लगाना है।
सरकार ने प्री-पेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए वर्तमान में जो डिजिटल मीटर लगे हैं, उसे निकाला जाएगा आैर उसकी जगह प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। नागपुर जिले में सभी श्रेणी के मिलाकर लगभग 13 लाख से अधिक मीटर हैं। फाल्टी मीटर बदलने व नए कनेक्शन मांगने वालों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। फाल्टी मीटर हटाकर उसकी जगह डिजिटल मीटर लगाए, तो प्री-पेड मीटर लगाने की मुहिम को झटका लग सकता है। इसी तरह नए कनेक्शन में तेजी से डिजिटल मीटर लगाए, तो प्री-पेड मीटर लगाने की मुहिम पर असर पड़ सकता है। इससे बचने के लिए फाल्टी मीटर बदलने व नए मीटर लगाने की रफ्तार धीमी कर दी गई है। इधर हालात को देखते हुए डिजिटल मीटर का उत्पादन भी कम कर दिया गया है। अब प्री-पेड मीटर के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।
प्री-पेड मीटर लगने के बाद महावितरण का सिरदर्द कम हो जाएगा। बकाया बिल के लिए किसी के घर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिजली चोरी भी कम हो जाएगी। बिजली चोरों को पकड़ना आसान हो जाएगा। बिजली चाहिए, तो पहले रिचार्ज करना होगा। समय पर बिल की वसूली नहीं होने से महावितरण की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।