शिक्षा: नागपुर यूनिवर्सिटी के रूसा सेंटर को मिलेगा 20 करोड़ रुपए का अनुदान,हुई घोषणा
- प्रधानमंत्री उच्च स्तर शिक्षा अभियान का शुभारंभ
- वर्चुअल कार्यक्रम में की अनुदान देने की घोषणा
- फंड से छात्रों के लिए शोध और बुनियादी सुविधाएं तैयार की जाएंगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर । भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर देश भर के विद्यापीठ और कॉलेजों को सशक्त बनाने के मूल उद्देश्य से प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से शुभारंभ किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के रूसा सेंटर को 20 करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की गई।
बुनियादी सुविधाएं : जमनालाल बजाज प्रशासकीय भवन सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलगुरू डॉ. सुभाष चौधरी, प्र-कुलगुरु डॉ. संजय दुधे प्रमुखता से उपस्थित थे। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत, देश भर में सार्वजनिक विद्यापीठों और कॉलेजों के सशक्तिकरण के लिए कुल 12906.1 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई। इस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए डॉ. सुभाष चौधरी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार कॉलेज और यूनिवर्सिटी दोनों अलग-अलग संचालित होंगे। विद्यापीठ में इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए यह वित्तीय प्रावधान किया गया है। साथ ही डॉ. चौधरी ने कहा कि इस फंड से छात्रों के लिए शोध और बुनियादी सुविधाएं तैयार की जाएंगी। कार्यक्रम की प्रस्तावना रूसा समन्वयक डॉ. रुपेश बडेरे ने किया। कार्यक्रम में व्यवस्थापन परिषद सदस्य, अधिसभा सदस्य, सभी विद्याशाखा के अधिष्ठाता, विभिन्न शिक्षा विभाग के प्रमुख, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इतिहास संग्रहालय : कुलगुरु डॉ. चौधरी ने बताया कि, पीएम उषा के तहत 20 करोड़ रुपए की निधि से आदिवासी इतिहास संग्रहालय और रूसा मल्टी फैसिलिटी सेंटर को अत्याधुनिक शोध सामग्री के साथ उन्नत किया जाएगा। रूसा सेंटर में सभी स्वायत्त विभागों के साथ-साथ विभिन्न कॉलेजों के छात्रों को शोध के लिए अत्याधुनिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
अन्य विकास कार्य : डॉ. सुभाष चौधरी ने बताया कि, नागपुर विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष के चलते विभिन्न विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपए की निधि मिली है। इसमें निकट भविष्य में विद्यापीठ परिसर में परीक्षा भवन, बायोटेक्नॉलॉजी विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, बायोकेमिस्ट्री विभाग, सेंटर फॉर एक्सलन्स, टेक्नॉलॉजी एंड एनर्जी पार्क, पुरावशेष इतिहास संग्रहालय, नैनो टेक्नॉलॉजी एंड इंजीनियरिंग-सेमीकंडक्टर विभाग की इमारतें शुरू की जाएंगी।