पुलिस विभाग का अजीब फरमान - राइफल लो, पर पट्टा खुद खरीदो
- पट्टा खरीदने घंटों इंतजार करना पड़ता है
- शासन ने पट्टा देना बंद कर दिया
- पट्टे कहां गए, कुछ समझ में नहीं आ रहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली अक्सर विवादों में रही है। अब एक नया विवाद खड़ा होने से फिर पुलिस विभाग चर्चा में आ गया है। पता चला कि, पिछले कुछ समय से पुलिस मुख्यालय की ओर से राइफल की सेफ्टी सीलिंग (पट्टा) उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। निर्देश दिए गए हैं कि, राइफल लो, पर पट्टा खुद खरीदो। इस सीलिंग की कीमत करीब 200 रुपए है। पुलिस महकमे में करीब 1000 राइफल हैं। राइफलधारी जवान की ड्यूटी लगने पर मुख्यालय से राइफल तो दे दी जाती है, लेकिन पट्टा नहीं मिलता।
पट्टा खरीदने घंटों इंतजार करना पड़ता है
पुलिसकर्मियों के अनुसार कुछ समय पहले तक राइफल का पट्टा मुख्यालय के स्टोर रूम से ही मिलता था। अब पट्टा देना बंद कर दिया गया है। बगैर पट्टे के भारी-भरकम राइफल लेकर काम की जगह पर पहुंचना मुश्किल होता है। इस स्थिति में मुख्यालय परिसर में स्थिति एक दुकानदार से पट्टा खरीदना पड़ रहा है। यह दुकान सुबह 10 बजे खुलती है। पट्टा प्राप्त करने के लिए कभी-कभी घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर बगैर पट्टे के राइफल हाथ में पकड़कर कार्यस्थल पर पहुंचना पड़ रहा है।
अब तक 3-4 बार खरीदा
राइफलधारी पुलिस कर्मचारी के मुताबिक पिछले 6 माह से राइफल का पट्टा नहीं मिल रही है। अबतक 3-4 बार मैंने यह पट्टा खरीदा है। 1 पट्टा 150 से 200 रुपए में मिलता है। पट्टे बगैर राइफल शरीर पर लटकाई नहीं जा सकती। यह बेहद जरूरी है। बावजूद पुलिस प्रशासन पट्टा उपलब्ध नहीं करा रहा है।
पट्टे कहां गए, कुछ समझ में नहीं आ रहा
एक पुलिस कर्मचारी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय में राइफल के साथ पट्टे का भी स्टॉक रहता है। कुछ माह पूर्व तक यह पट्टा महकमे की ओर से ही उपलब्ध कराया जाता था। अब स्टॉक के पट्टे कहां गए, कुछ समझ नहीं आ रहा। मैंने मुख्यालय परिसर स्थित नितनवरे की दुकान से राइफल का पट्टा खरीदा है।
शासन ने पट्टा देना बंद कर दिया
विजय परिहार, आरपीआई, पुलिस मुख्यालय ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को 5,133 रुपए भत्ता दिया जाता है। इस भत्ते में कई तरह के खर्च का समावेश है। इसी रकम से पट्टा खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। शासन ने पट्टा देना बंद कर दिया गया है। मुख्यालय से केवल राइफल दी जाती है।