लेटलतीफी: योजना में विलंब, अधिसूचना जारी कर 2 साल पहले 1,165 करोड़ किए मंजूर

अब श्रेणीवर्धन की योजना को अन्यत्र स्थानांतरित करने की तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-01 08:40 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उत्तर नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र में अतिविशेषोपचार अस्पताल व अतिविशेष स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था शुरू करने का प्रस्ताव 2014 में मंजूर हुआ था। इसके 7 साल बाद यानि 2021 में इस योजना को साकार करने मंत्रिमंडल ने 1165 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। 13 अक्टूबर 2021 को अधिसूचना जारी की, लेकिन मंजूरी मिलने के बाद भी इस योजना को साकार करने में विलंब होता रहा। अब तो श्रेणीवर्धन की योजना को अन्यत्र स्थानांतरित करने की योजना बनायी गई है। इसका विरोध हो रहा है। पिछले पांच दिन से लोग आंदोलन कर रहे हैं। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रुग्णालय बचाव कृति समिति द्वारा सर्वदलीय नेता व आम नागरिक इस योजना को उत्तर नागपुर में ही पूर्व प्रस्तावित जमीन पर साकार करने की मांग कर रहे हैं।

ऐसी है महत्वाकांक्षी श्रेणीवर्धन योजना : यहां क्रमवार कुल 28 पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाने वाली थी। इसमें कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोसर्जरी, न्यूरोसर्जरी, हृदयरोग शल्य चिकित्साशास्त्र, हिमटोलॉजी, गॅस्ट्रोइऐंटोरॉलॉजी, सर्जिकल गॅस्ट्रोइऐंटोरॉलॉजी, प्लॅस्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी व यूरोलॉजी आदि 11 अतिविशेषोपचार पाठ्यक्रम प्रस्तावित किए गए थे। स्नातकोत्तर पाठयक्रम में औषधिशास्त्र, बालरोग चिकित्साशास्त्र, त्वचा व गुप्त रोग, मनोविकृतिशास्त्र, क्ष-किरणशास्त्र, ब्लड बैंक, जीव रसायनशास्त्र, विकृतिशास्त्र, सूक्ष्मजीवशास्त्र, बधिरीकरणशास्त्र, शल्य चिकित्साशास्त्र, अस्थिव्यंगपोचारशास्त्र, स्त्रीरोग व प्रसूतिशास्त्र, नाक-कान-गलाशास्त्र, नेत्र शल्यचिकित्साशास्त्र, पल्मनरी मेडिसिन, अस्पताल प्रशासन, इमरजंेसी मेडिसिन आदि पाठ्यक्रमों का समावेश किया गया था। डीएम न्यूरोलॉजी, एमसीएच गॅस्ट्रोएन्टेरोलॉजी, एमसीएच पीडियाट्रिक सर्जरी, डीएम इमर्जन्सी मेडिसिन, डीएम गेस्ट्रोलॉजी, एमसीएच प्लास्टिक सर्जरी, एमडी रेसपायरेटरी मेडिसिन आदि स्नातकोत्तर व अतिविशेषोपचार पाठ्यक्रम और दंत रोग ओपीडी, सिकलसेल, थैलेसेमिया व रक्त से जुड़ी बीमारियां के इलाज का केंद्र शुरू करने की मंजूरी दी गई थी। भविष्य में यहां नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज शुरू करने की योजना भी शामिल की गई थी। वर्तमान अस्पताल में 2005 से ओपीडी शुरु है। यहां हर रोज 400 से 500 मरीजों का इलाज किया जाता है। नये प्रस्ताव के अनुसार यहां की 7.56 एकड़ जमीन पर नई अत्याधुनिक इमारत का निर्माण और 8. 50 एकड़ जमीन पर कर्मचारियों के लिए संकुल निर्माण की योजना है।

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