समृद्धि पर लगातार हादसे, सरकार को नोटिस

एमएसआरडीसी को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-24 09:24 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समृद्धि महामार्ग पर बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यहां सुरक्षा के ठोस प्रबंध होने चाहिए, इस मुद्दे के साथ सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वडपल्लीवार ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है।  हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर का पक्ष सुनकर राज्य सरकार, सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के प्रधान सचिव और महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमएसआरडीसी) को नोटिस जारी करके 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

पुख्ता इंतजाम नहीं

याचिकाकर्ता के अनुसार, दिसंबर 2022 में शुरू हुए इस महामार्ग पर लगातार हादसे हो रहे हैं। इसका एक मुख्य कारण यह है कि इस महामार्ग पर सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि हाईवे पुलिस के आंकड़ों के अनुसार अब तक इस महामार्ग पर 39 भीषण दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें कुल 88 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे ही 87 हादसों में 232 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। ऐसे ही 218 सामान्य दुर्घटनाओं में 428 लोगों को मामूली चोटें आईं, तो 275 हादसों में वाहन सवार बाल बाल बचे हैं।

वीएनआईटी के अध्ययन का हवाला

याचिकाकर्ता ने वीएनआईटी के अध्ययन का हवाला दिया है, जिसमें कोर्ट को बताया गया है कि इस महामार्ग पर हरियाली और अन्य सुरक्षा प्रबंध न होने से रोड-हिप्नोसिस की समस्या होती है, जिससे चालक का वाहन पर से नियंत्रण छूट जाता है। एक मुख्य मुद्दा यह भी है कि इस महामार्ग निर्माण में इंडियन रोड कांग्रेस के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। इसके बावजूद इस महामार्ग को नागपुर से शिर्डी और अब नासिक तक शुरू कर दिया गया है। इस महामार्ग पर वाहन चालकों के ब्रेक लेने के लिए रेस्त्रां, शौचालय, साइन बोर्ड और अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। वहीं वाहनों की बेकाबू रफ्तार रोकने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि महामार्ग पर सुविधाएं देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करनी चाहिए। साथ ही वाहनों के टायर की फिटनेस, फर्स्ट एड क्लीनिक की उपलब्धता, क्विक रिस्पांस यूनिट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए। एड.भंडारकर को एड.मनीष शुक्ला और एड.भूपेश पटेल ने सहकार्य किया।

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