प्रकोप: अस्पतालों में 15% मरीज वायरल ग्रस्त
खांसी से हैं परेशान, बच्चे व उम्रदराज सबसे ज्यादा प्रभावित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के सरकारी व निजी क्लिनिकों में इन दिनों खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी अस्पतालों की ओपीड़ी में जांच व उपचार के लिए आने वाले मरीजों में 25 फीसदी खांसी के मरीज हैं। मौसम बदलते ही वायरल बढ़ जाता है। वायरल के विषाणुअों के चलते खांसी होती है। यह एक से दूसरे में फैलती है। इसका सर्वाधिक असर बच्चे व बुजुर्गों पर होता है। सावधानी बरतने पर इसके प्रभाव से बचा जा सकता है।
ओपीडी में हर रोज 480 मरीज खांसी के : इन दिनों शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेयो) अस्पताल में खांसी के उपचार करवाने आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोज की ओपीडी की कुल संख्या में 15 फीसदी मरीज खांसी से ग्रस्त पाए जा रहे हैं। इनमें बच्चे व बुजुर्गों की संख्या अधिक है। मेडिकल की हर दिन की ओपीडी औसत 2000 की है। यहां हर रोज खांसी के 300 मरीज ।मजांच व उपचार के लिए आ रहे हैं। वहीं मेयो में हर रोज की ओपीडी 1200 की है। उनमें से 180 मरीज खांसी से पीड़ित आ रहे हैं। निजी क्लिनिकों का भी यही हाल है
अपनी मर्जी से ली दवा से हो सकता नुकसान : डॉक्टरों के अनुसार मौसम बदलने पर और ठंड के मौसम में वायरस व बैक्टिरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं। ऐसे में सर्दी-खांसी होना आम बात है। खास कर खांसी के विषाणुआें का संक्रमण फैलता है। इससे सर्वाधिक परेशानी बच्चों व बुजुर्गों को होती है। खांसी होने पर गले में खराब और दर्द होता है। अपनी मर्जी से दवा लेते रहने पर नुकसान हो सकता है। डॉक्टर से जांच व उपचार नहीं करवाने पर खांसते-खांसते सीने तक दर्द पहुंच जाता है। वायरल संक्रमण, सर्दी या फ्लू, प्रदूषण व धूल मिट्टीयुक्त वातावरण, धूम्रपान, टीबी या दमा होने पर खांसी होती है।