गोरखधंधा: खुद को गरीब बताकर कंट्रोल के चावल खरीद बेच रहे हैं लोग, लगा रहे सरकारी योजना को पलीता
- राशन कार्ड से वंचित हैं सैकड़ों गरीब
- सामने ही बेच देते हैं चावल
- राशन कार्ड के लिए पात्र
डिजिटल डेस्क, बेसा, रीता हाड़के| इन दिनों बेसा और नागपुर शहर के हर गली-चौराहे पर कोई दोपहिया या फिर ऑटो में चावल की बोरियां लादकर लोगों को चावल बेचने के बजाय उनसे चावल खरीदने वाले बड़े पैमाने पर नजर आ रहे हैं। यह कौन हैं और लोगों से क्यों चावल खरीद रहे हैं, यह जानकर आप भी जरूर चौंक जाएंगे। जी हां, यह कोई और नहीं, बल्कि लोगों से कंट्रोल से मिले चावल खरीदकर उसे धान की मशीन पर ले जाकर बारीक कुटवाते हैं और वही चावल लोगों को औने पौने दाम में बेचकर चांदी काट रहे हैं। ऐसे सैंकड़ों लोग हैं, जो खुद को गरीब बताकर कंट्रोल से बड़े पैमाने पर राशन तो ले रहे हैं, लेकिन वे खुद अनाज का उपयोग न करते हुए उनके क्षेत्र में चावल खरीदने आने वाले लोगों को 20 से 25 रुपए किलो के भाव में बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में जो वाकई में गरीब हैं, उन लोगों का सरकार की और से पंजीयन नहीं होने के कारण वे राशन से वंचित हैं। हालांकि, ऐसे लोगों की शिकायत करने का अधिकार कंट्रोल धारक को होता है, लेकिन वे भी इस पर विशेष ध्यान नहीं देते। इससे सरकार से संबंधित अनाज आपूर्ति विभाग की लचर कार्यप्रणाली उजागर हो रही हैं।
राशन कार्ड से वंचित हैं सैकड़ों गरीब
आर्थिक रूप से सक्षम लोग ही सरकार के राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों का हर वर्ष पंजीयन नहीं होने के कारण हजारों की तादाद में गरीब लोग राशन कार्ड से वंचित हैं। गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा मुफ्त राशन कार्ड की सुविधा मुहैया कराई गई है, जबकि अंत्योदय योजना (एएवाई) में राशन कार्ड विशेष रूप से देश के सबसे गरीब लोगों के लिए है।
हमारे सामने ही बेच देते हैं चावल
एकनाथ खड़से, कंट्रोल प्रभारी, सुहासिनी एकनाथ खड़से कंट्रोल, बेसा के मुताबिक सरकार ने ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने के कारण बेसा के अलावा घोगली, बेलतरोड़ी, पिपला से 323 लोग राशन कार्ड का लाभ उठाते हुए चावल, गेहूं और सरकारी किट का लाभ उठा रहे हैं, जबकि 16 लोग अंत्योदय कार्ड धारक हैं। इसमें से सैंकड़ों लोग चावल संग्रहित कर यह चावल हमारे ही सामने बेच देते हैं। कितनी बार उनको राशन कार्ड बंद करने की चेतावनी दी गई, लेकिन कोई फायदा नहीं होता।
950 लोग ले रहे हैं लाभ
पवन सुखलाल उमरे, कंट्रोल प्रभारी, करुणा फुलझेले कंट्रोल के मुताबिक बेलतरोड़ी, घोगली के अलावा बेसा से भी अनेक लोग राशन कार्ड का लाभ ले रहे हैं। प्रतिमाह 950 राशन कार्ड धारक लाभ ले रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग इस अनाज का उपयोग खुद न करते हुए बेच देते हैं, जिससे सही मायने में जो गरीब है, वह सरकारी अनाज से वंचित हैं। यह मामला पुलिस थाने तक गया, लेकिन इन लोगों पर खानापूर्ति के लिए कार्रवाई हुई। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राशन कार्ड के लिए पात्र
केंद्र सरकार ने देश के गरीब लोगों को मुफ्त राशन कार्ड की सुविधा मुहैया कराई है। देश के वे सभी लोग जो एपीएल और बीपीएल परिवारों से हैं, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, वे केंद्र या राज्य सरकार की योजना के तहत मुफ्त राशन कार्ड योजना के लिए पात्र हैं। उन लोगों को प्रतिमाह एक किलो गेहूं और चार किलो चावल मिलता है, जबकि त्योहारों पर ‘आनंदाचा शिघा' किट 100 रुपए में में कंट्रोल धारक मुहैया कराता है। अंत्योदय योजना (एएवाई) में राशन कार्ड विशेष रूप से भारत के सबसे गरीब लोगों के लिए है। जिन परिवारों को एएवाई राशन कार्ड जारी किए गए हैं, वे प्रति माह 35 किलो ग्राम खाद्यान्न प्राप्त करने के हकदार हैं। उसमें 5 किलो गेहूं और 30 किलो चावल मिलता है।