जिला नियोजन समिति: पांधन रास्ते किसानों से ज्यादा नेताओं के लिए हैं फायदेमंद, मंजूर किए 87 करोड़

  • कार्यकारी अभियंता को भेजा पत्र हाथ लगा
  • पहले रास्ते बने, फिर कार्यादेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-02 10:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिले में पांधन रास्तों की दुर्दशा हो गई है। जिला परिषद लगातार निधि की मांग कर रही थी। जिला नियोजन समिति ने 87 करोड़ रुपए की लागत के कामों को मंजूरी दी। जिला स्तर पर 11 बड़े ठेकेदारों का पैनल तैयार किया गया। विधायकों के मर्जी के ठेकेदारों को काम बांटे गए। उपअभियंता को उनके क्षेत्र में किए कामों की सूचना तक नहीं दी। पांधन रास्ते किसानों से ज्यादा नेताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं।

पहले रास्ते बने, फिर कार्यादेश

जिला नियोजन समिति ने निधि मंजूर करने के बाद तकनीकी व प्रशासकीय मंजूरी प्रदान करने पर टेंडर निकाला जाता है। टेंडर मिलने पर कार्यादेश जारी होने के बाद काम की शुरुआत करना अपेक्षित है। नेताओं के कहने पर कार्यादेश जारी होने के पहले कुछ रास्तों के काम पूरे किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

कार्यकारी अभियंता को भेजा पत्र हाथ लगा

जिला नियोजन समिति ने 11 सदस्यों के पैनल के माध्यम से ठेकेदारों को कामों की खैरात बांटी। विधायकों ने दबाव बनाकर अपने मर्जी के ठेकेदारों को ठेेके दिलाए। कामठी-मौदा क्षेत्र के विधायक ने तो जिप कार्यकारी अभियंता को अपने निर्वाचन क्षेत्र के संपूर्ण काम एक ठेकेदार को देने के लिए भेजा पत्र जिप के सत्तापक्ष के हाथ लगा। कार्यादेश जारी होने से पहले किए गए काम के बिल भुगतान करने जिप के लोककर्म विभाग पर दबाव बताया जाता है।

घटिया दर्जे का काम

पांधन रास्तों के काम जिला परिषद के माध्यम से होने अपेक्षित हैं। जिला नियोजन समिति ने 11 सदस्यों का पैनल बनाकर ठेकेदारों को काम बांट दिए। जिला परिषद का ठेकेदारों पर कोई नियंत्रण नहीं है। घटना दर्जे के काम किए जाने की जिला परिषद को शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन विधायकों के आशीर्वाद से काम मिलने के कारण ठेकेदार द्वारा मनमानी करने का जिप पदाधिकारियों का आरोप है। मुरुम का उपयोग किए बिना मिट्टी खोदकर सड़क बनाने से पहली बरसात में ही उखड़ने की आशंका जताई जा रही है।

बैक डेट में कार्यादेश जारी

पांधन रास्तों के कार्यादेश 22 मार्च को जारी कर चुनाव अाचार संहिता लागू होने से पहले 6 मार्च को रिकॉर्ड में दिखाने का आरोप उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने लगाया था। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की उन्होंने मांग की है। निर्वाचन आयोग ने अभी तक इस विषय पर कोई कदम नहीं उठाए। विशिष्ट पार्टी के नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए पांधन रास्ते की राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं।


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