प्रीपेड मीटर: योजना शुरु से पहले ही हो रहा विरोध, कंपनी तो तय लेकिन प्रक्रिया पर अमल नहीं
- अक्टूबर में टेंडर निकाला जाना था
- बुनियादी ढांचा सुधारना है
- आंदोलन से सहमी सरकार
- अक्टूबर में टेंडर निकाला जाना था
डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्र सरकार पुरस्कृत स्मार्ट मीटर योजना के तहत उपभोक्ताआें के घरों व दुकानों में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। वर्तमान में जो मीटर लगे हैं, उसे निकालकर उसकी जगह प्रीपेड मीटर लगाने हैं। इसके लिए अक्टूबर में टेंडर प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन इसे लेकर अभी तक जमीन पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। टेंडर प्रक्रिया से लेकर अन्य कार्यवाही में हो रही देरी के कई कारण हैं। फिलहाल राज्य में मराठा आैर धनगर आंदोलन ने सरकार की नाक में दम कर दिया है।
बुनियादी ढांचा सुधारना है
हजारों करोड़ की स्मार्ट मीटर योजना के तहत बिजली के बुनियादी ढांचेे को जड़ से सुधारना है। बिजली व्यवस्था सुचारु व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए नई केबल लाइन बिछाने के साथ ही हाई पावर के ट्रांसफार्मर खड़े करना है। नए सब स्टेशन भी खड़े करने हैं। इसी तरह वर्तमान ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ानी है, ताकि अतिरिक्त लोड की चुनौती से निपटा जा सके। पूरे राज्य में प्रीपेड मीटर लगाना है। नागपुर समेत विदर्भ में करीब 65 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है। प्रीपेड मीटर लगाने के लिए कंपनी तो तय हो गई है, लेकिन अन्य प्रक्रिया पर तेजी से काम नहीं हो रहा। प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू होने के पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है। पड़ोसी राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में फ्री बिजली का मुद्दा सभी को लुभा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र में बिजली का उपभोग करने के पहले ही रिचार्ज (बिल भुगतान) करना लोगों को पसंद नहीं आ रहा। अभी बिल भुगतान करने में कम से कम 40 दिन का समय मिलता है।
आंदोलन से सहमी सरकार
इधर राज्य में मराठा व धनगर आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा दी है। इन दोनों आंदोलनों की धार उस हिस्से में ज्यादा है, जहां भाजपा मजबूत है। मराठा व धनगर दोनों के निशाने पर सरकार है। बची हुई कसर मंत्री छगन भुजबल ने पूरी कर दी है। वे ओबीसी को एकजुट करने में लगे हैं। इससे मराठा व आेबीसी समाज आमने-सामने आने की चिंता है। सरकार के लिए यह स्थिति इधर खाई, उधर कुआं जैसी हो गई है। ऐसे में सरकार का मुख्य फोकस इन आंदोलनों का शांतिपूर्ण समाधान निकालना है। पड़ोसी राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए उपमुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस व्यस्त हैं। ऐसे कठिन व चुनौतीपूर्ण मौके पर प्रीपेड मीटर लगाकर सरकार एकदम से लोगों का रोष झेलने के के मूड में दिखाई नहीं दे रही।